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NEET छात्र की हत्या में फरार इनामी आरोपी अरेस्ट:पशु तस्करों ने की थी हत्या, तस्कर के पास से मिली 25 लाख की हिरोइन

गोरखपुर के चिलुआताल पुलिस ने नीट छात्र की हत्या में फरार चल रहे 25 हजार के इनामी झीनक निषाद को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से 25 लाख रुपये की हिरोइन पकड़ी गई है। वह पिपराइच क्षेत्र के जंगल धूषण हसनपुर में रहता है। घटना के बाद से ही घर से फरार था। आरोपी पशु तस्करों को रास्ता दिखाने और पुलिस गतिविधियों की जानकारी देने का काम करता था। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजवा दिया गया है। पुलिस के अनुसार, चिलुआताल थाना अंतर्गत मजनू चौकी क्षेत्र के मोहरीपुर-सिंहोरवा रोड स्थित अंडरपास के पास मंगलवार देर रात मुखबिर की सूचना पर यह कार्रवाई की गई। मंगलवार की रात मुखबिर खास से सूचना मिली थी कि एक युवक ट्रांसपोर्ट नगर से बंधे के रास्ते भारी मात्रा में मादक पदार्थ लेकर आने वाला है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल घेराबंदी की योजना बनाई गई। पुलिस को देखकर युवक भागने लगा, लेकिन तत्परता दिखाते हुए पुलिस ने कुछ ही दूरी पर उसे दबोच लिया। पूछताछ में युवक ने अपना नाम झीनक निषाद बताया। तलाशी के दौरान उसके पास से प्लास्टिक के डिब्बे में रखी गई 105 ग्राम हिरोइन बरामद हुई। जब्त मादक पदार्थ की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 25 लाख रुपये आंकी गई है। सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था झीनक पुलिस की जांच में सामने आया है कि झीनक निषाद पशु तस्करी के नेटवर्क का भी अहम हिस्सा था। वह पशु तस्करों को सुरक्षित रास्तों की जानकारी देता था और पुलिस की गतिविधियों का इनपुट उपलब्ध कराता था। इसी नेटवर्क के चलते वह पहले से ही सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था। आरोपी बीते 15/16 सितंबर की रात पिपराइच थाना क्षेत्र में हुए नीट छात्र दीपक हत्याकांड के मामले में भी वांछित चल रहा था। इस हत्याकांड में पशु तस्करी से जुड़े अपराधियों की भूमिका सामने आई थी। मामले की जांच के दौरान एसटीएफ ने चार पशु तस्करों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें झीनक निषाद का नाम भी सामने आया था। इस संबंध में सीओ कैंपियरगंज अनुराग सिंह ने बताया कि आरोपी से पूछताछ के आधार पर नशा तस्करी और पशु तस्करी से जुड़े अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं। उनके खिलाफ भी साक्ष्य जुटाकर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि बरामद हिरोइन की सप्लाई कहां से लाई गई थी और इसे किन इलाकों में खपाने की योजना थी। अब जानें कब और कैसे हुई थी नीट छात्र की हत्या टाइम – 11.40 बजे (15 सितंबर) स्पॉट – पिपराइच (गोरखपुर) पशु तस्करों का पीछा करते हुए NEET स्टूडेंट दीपक गांव वालों से करीब 250 मीटर आगे निकल गया। तस्कर 3 पिकअप लेकर आए थे। इसका अंदाजा गांव के लोगों को नहीं था। एक पिकअप गाड़ी के पीछे दीपक भी स्कूटी से भाग रहा था, तस्करों ने गाड़ी के पीछे भाग रहे दीपक को देखा तो पकड़ लिया। गांव के लोग काफी दूरी पर थे। गांव के लोगों ने बताया कि हमने देखा कि दीपक अकेला ही तस्करों से भिड़ गया। आंखों के सामने 4-5 बदमाश उसको पकड़कर पिकअप के अंदर खींच ले गए। लोगों ने कहा- पिकअप के अंदर क्या हुआ, ये हमें नहीं पता। मगर 1.30 घंटे बाद दीपक की लाश गांव से करीब 4km दूर मिली। तस्करों ने दीपक के साथ इस कदर हैवानियत दिखाई कि उसके सिर और कान की 6 हड्डियां टूट चुकी थीं। ज्यादा खून बहने से उसकी मौत हो गई थी। गांव के ही एक व्यक्ति बताते हैं कि जब वह गाड़ी के कुछ करीब पहुंचे, तो तस्कर ने पिस्टल दिखाकर धमकी दी- मार देंगे, भाग जाओ…। जान प्यारी नहीं है क्या? दीपक के दाह संस्कार के बाद भी गांव के लोगों का गुस्सा थम नहीं रहा। हत्या के 36 घंटे के अंदर पुलिस ने 1 लाख के इनामी पशु तस्कर अब्दुल रहीम को कुशीनगर के रामकोला से पकड़ा। उसके दोनों पैरों में गोली लगी है। इस मुठभेड़ में बिहार का उसका साथी मन्नू सेठ भागने में कामयाब हो गया। 3 और तस्करों को भी पकड़ा गया है। यही वो तस्कर थे, जिन्होंने दीपक को पीटा था। दैनिक भास्कर टीम ने गोरखपुर के पिपराइच इलाके में दीपक की हत्या के बाद एक बार फिर पहुंची। गांव के बाहर पुलिस की एक जीप खड़ी दिखी। मगर पुलिस के जवान गांव के अंदर नहीं जा रहे थे। बताया गया कि लोगों में पुलिस को लेकर गुस्सा ज्यादा है, कुछ चुनिंदा पुलिस वाले ही घर में सुरक्षा के लिए मौजूद हैं। गांव के लोग यही मान रहे हैं कि पुलिस दीपक को छुड़ाने में ताकत लगाती, तो दीपक बच जाता। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… दादी चीख रहीं- फंदे पर लटका दो इन बदमाशों को
गांव के लोगों की बातचीत को समझते हुए हम दीपक के घर पहुंचे। घर को बाहर से देखकर ही अंदाजा लगा कि परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। घर की दीवारों पर प्लास्टर तक नहीं था। घर के दरवाजे पर एक बुजुर्ग महिला बैठी थीं। लोगों ने बताया कि वो दीपक की दादी अमरावती हैं। वो रोते-रोते चीख पड़ती थीं। मेरे घर का बेटा चला गया। नाश हो इन बदमाशों का…। फंदे पर लटका दो ऐसे लोगों को…। इनके घरों पर बुलडोजर चलवा दो। घर के अंदर भी महिलाएं इकट्‌ठा थीं। दीपक की मां सीमा भी बेहाल हो रही थीं, गांव की महिलाएं उन्हें संभाल रही थीं। वहां मौजूद लोगों से हमने दीपक के परिवार के बारे में जाना। बताया गया कि दीपक के पिता दुर्गेश 3 भाई है। सुरेंद्र और वीरेंद्र के परिवारों को मिलाकर 16 सदस्य एक ही घर में रहते हैं। दुर्गेश के 2 बेटे हैं। बड़ा बेटा दीपक और छोटा प्रिंस 9वीं क्लास में पढ़ता है। सुरेंद्र के 3 बच्चे अदिति, आराधना और कृष हैं। छोटे भाई वीरेंद्र के 2 बच्चे अयांश और प्रियांश हैं। छोटे भाई बोले- तस्कर बोला, हम पुलिस वाले हैं… हमने घर के बाहर ही बैठे परिवार के बच्चों से बात की। वह बहुत मासूमियत से कहते हैं- दीपक हमारे भैया थे, अब वो भगवान के पास चले गए हैं। हमें सबने बताया कि उन्हें चोरों ने मार डाला है। दीपक के छोटे भाई प्रिंस गुप्ता कहते हैं- उस रात मैं चाचा की बाइक पर बैठकर गया था। मैं भी गांव के लोगों के साथ पशु तस्करों को मारने के लिए आगे बढ़ा था। तब उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। तस्कर ने गुस्से से कहा- हम लोग पुलिस वाले हैं। तुम्हारे गांव जांच करने आए हैं, मेरा शरीर बिल्कुल शांत पड़ गया। उसने मुड़कर अपने साथी से कहा- इसको पिकअप में लाद लो। यह सुनते ही मैंने पूरी ताकत लगाकर अपना हाथ छुड़ा लिया और पीछे की तरफ भाग निकला। चाचा बोले- बदमाशों के हाथ में तमंचा देखकर हम पीछे हटे
दीपक के चाचा वीरेंद्र कहते हैं- 15 सितंबर को हम लोग घर पर खाना खाकर सो चुके थे। तभी मेरे भांजे मोनू का कॉल आया। उसने कहा कि गोदाम के पास सड़क पर 2 पिकअप लेकर चोर आए हैं। गाड़ी खड़ी करके सड़क पर टहल रहे हैं। मैंने उससे कहा कि बगल में ही रहने वाले परिचित से मदद मांगो। मोनू गांव के बाहर सड़क किनारे बने गोदाम में ही रहता था। मोनू रात के समय बाहर सड़क की तरफ निकला। तभी एक बदमाश ने उसे देख लिया। बदमाश तमंचा लेकर उसके पीछे दौड़ा। वह गोदाम के अंदर आ गया, दरवाजा बंद कर लिया। उसने फिर फोन कर सारी बात बताई। तब पूरा परिवार बाइक से गोदाम के लिए निकला। वहां जाने पर बदमाश पत्थर मारने लगे। उनके हाथ में तमंचा भी था। यह देखकर हमलोग पीछे हट गए। इसके बाद वे गाड़ी लेकर भागने लगे। तब दीपक स्कूटी से उनका पीछा करने लगा। करीब 250 मीटर आगे निकलने पर ही पशु तस्करों ने गाड़ी रोक दी। उन्होंने दीपक को पकड़ लिया। गांव के एक व्यक्ति ने बताया- दीपक पशु तस्करों से हाथ छुड़ाने के लिए लड़ रहा था। लेकिन गाड़ी से 5-6 की संख्या में निकले बदमाश मिलकर उसे काबू में किए। इसके बाद सब मिलकर उसे पिकअप में लाद लिए। इस दौरान उसे मारा-पीटा भी था। रात करीब 1.30 बजे उसकी लहूलुहान लाश मिली थी। क्रिकेट किट देखकर रोने लगते हैं दोस्त
घर के ही एक कोने में दीपक की क्रिकेट किट रखी थी। जिसे छोटे भाई प्रिंस ने बाहर निकाला। बैग के अंदर से बैट, पैड और हेलमेट निकालते समय वह रोने लगा। इस दौरान दीपक के दोस्त भी वहां आ गए। दोस्तों ने बताया- दीपक बहुत अच्छा बैट्समैन था। कॉलेज के मैच में दूर-दूर से लोग सिर्फ देखने आते थे। गांव के कई मैच में ज्यादा पैसे लगते थे। तब लोग दीपक के ऊपर ही दांव लगाते थे। क्योंकि वो मैच जिताने वाली पारी खेलता था। दीपक मेडिकल कॉलेज रोड पर प्रकाश स्टेडियम में प्रैक्टिस करने जाता था। वहां कोच सूरज यादव से मुलाकात हुई। वह बताते हैं- दीपक ने एक महीने पहले अंडर-19 का ट्रॉयल भी दिया था। वो टैलेंटेड था, स्टेट लेवल के टूर्नामेंट में अच्छा परफार्म करता था। वो T-20 में देश के लिए खेलना चाहता था, मगर इससे पहले ये हादसा हो गया। उसको इस तरह से नहीं मरना चाहिए था। टीचर बोले- यूट्यूब से भी करता था पढ़ाई
दीपक को पढ़ाने वाले टीचर कृष्ण पांडेय बताते हैं- दीपक पढ़ने में बहुत होशियार था। वह कहता था कि मेरे पापा को लोग कंपाउंडर कहकर बुलाते हैं। मुझे डॉक्टर बनकर उनका सपना पूरा करना है। अगले साल वह एक बड़ी कोचिंग में एडमिशन भी कराने वाला था। वह यूट्यूब से भी पढ़ाई करता था। तैयारी के लिए जितने भी सोर्स होते हैं, वह सबका इस्तेमाल करता था। मेरे कमरे पर आकर वह घंटों पढ़ता रहता था। उसे कुछ भी समझाओ, वह तुरंत समझ जाता था, इसलिए उसे पढ़ाना अच्छा लगता था। अब पुलिस जांच जानिए गांव वालों ने जिस पिकअप को फूंका, वो बरेली में खरीदी गई
गोरखपुर में पशु तस्करों ने जब छात्र की हत्या कर दी, तो गांव वालों ने पिकअप को फूंक दिया। पुलिस ने उसके नंबर को ट्रेस किया, तो वह भोजीपुरा के अभयपुर में रहने वाले तस्लीम खान के नाम से खरीदी गई थी। जांच में पता चला कि तस्लीम एक ट्रक ड्राइवर है और ट्रक चलाकर ही परिवार का पालन पोषण करता है। जिस पिकअप को जलाया गया है, तस्लीम ने उसे लोन पर लिया था। जब बरेली पुलिस ने जांच की, तो सामने आया कि तस्लीम इस गाड़ी को 2024 में ही बेच चुका था। किस्त नहीं भर पाने की वजह से उसने 26 दिसंबर, 2024 को भोजीपुरा के ही मिर्जापुर पचोदरा में रहने वाले नबी जान को बेची थी। टीम नवी जान के पास पहुंची तो पता चला कि नवी जान भी उस पिकअप को इसी साल 25 फरवरी को रामपुर के टांडा में रहने वाले सोनू को बेच चुका था। पुलिस की टीम ने गाड़ी का पीछा करते हुए रामपुर पुलिस से संपर्क किया। वहां से पता चला कि सोनू ने इस पिकअप को 9 अप्रैल, 2025 को मुरादाबाद के बिलारी में रहने वाले शानू आलम को बेच दी। पुलिस को तस्लीम और नबी जान का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है। पशु तस्करी के 3 रूट, बिहार के गोपालगंज, चंपारण से चल रहा नेटवर्क गोरखपुर में 3 रूट से पशु तस्कर आते हैं। ट्रक और पिकअप में पशुओं को भरकर बॉर्डर क्रॉस करके बिहार चले जाते हैं। गोपालगंज और चंपारण से पूरा नेटवर्क चलाया जा रहा है। तस्करों को ये भी जानकारी होती है कि पिकेट कहां-कहां पर तैनात हैं, बाकायदा रूट मैप बनाए जाते हैं। पहला रूट – कोड़ीराम से होते हुए कैंपियरगंज की ओर जाता है। दूसरा रूट – देवरिया मार्ग से होते हुए सहजनवां की तरफ जाता है। तीसरा रूट – महाराजगंज बॉर्डर की तरफ जाता है। दीपक को मारने वाले 4 तस्कर अरेस्ट, भेजे गए जेल
घटना के करीब SSP राज करन नय्यर ने जंगल धूषण चौकी इंचार्ज ज्योति नारायण तिवारी समेत 4 कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया था। पूरी चौकी के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी थी। इस मामले में पुलिस 4 पशु तस्करों को पकड़ चुकी है। इसमें बिहार के गोपालगंज के अजब हुसैन को गांव के लोगों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा था। पुलिस ने छोटू और राजू को बाद में सर्च ऑपरेशन के दौरान पकड़ा। वहीं कुशीनगर के रहीम के दोनों पैर में गोली मारकर अरेस्ट किया गया। रहीम ने पुलिस कस्टडी में पशुओं को पकड़ने के लिए गांव में जाने से लेकर भगाने तक की कहानी सुनाई। हालांकि उसके बयानों से यही सामने आया कि गांव वालों ने जब उन्हें घेर लिया, तब वह बचने के लिए जो भी सामने आ रहा था, उस पर हमला कर रहे थे। दीपक को पिकअप में खींचने के बाद वह काबू में नहीं आ रहा था, इसलिए सिर पर लोहे की रॉड मारी थी। उसके बाद उसको गाड़ी से बाहर फेंक दिया गया था। पुलिस ने चारों तस्करों को कोर्ट में पेश करने के बाद उसको जेल भेजा गया है। अब इस मामले में हुई सियासत को समझिए ………………… यह भी पढ़ें : गोरखपुर में पशु तस्करों ने की NEET छात्र की हत्या:SP घायल, बवाल-आगजनी; पुलिस चौकी सस्पेंड, अमिताभ यश पहुंचे गोरखपुर में पशु तस्करों और ग्रामीणों में भिड़ंत हो गई। पशु तस्करों ने NEET की तैयारी कर रहे छात्र को खींच लिया। उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। लाश को घर से 4 किमी दूर फेंक दिया। साढ़े चार घंटे बाद घरवालों को छात्र की खून से लथपथ लाश मिली। उसका सिर कुचला हुआ था। पढ़िए पूरी खबर…


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