बिहार में नकाब हटाकर नौकरी देने के मुद्दे पर दिए गए बयान को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री संजय निषाद के खिलाफ महिलाओं का गुस्सा खुलकर सामने आ गया। अमर्यादित और महिला विरोधी टिप्पणी के विरोध में बुधवार को बरेली में महिलाओं ने कलेक्ट्रेट गेट पर प्रदर्शन किया और मंत्री का पुतला फूंका। प्रदर्शन का नेतृत्व समाज सेविका और समाजवादी नेत्री समयुन खान ने किया। प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने मंत्री संजय निषाद के इस्तीफे की मांग की और आरोप लगाया कि इस तरह के बयान न केवल असंवेदनशील हैं, बल्कि महिलाओं की गरिमा और सम्मान पर सीधा हमला हैं। महिलाओं का कहना था कि जब सत्ता में बैठे लोग ऐसी भाषा का इस्तेमाल करेंगे तो समाज में गलत संदेश जाएगा और महिलाओं में असुरक्षा की भावना बढ़ेगी। महिलाओं की अस्मिता पर सीधा हमला
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहीं सामाजिक कार्यकर्ता एवं आस संस्था की अध्यक्षा समयुन खान ने कहा कि मंत्री संजय निषाद का बयान बेहद शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मंत्री ने नकाब प्रकरण पर हंसते हुए बयान दिया, वह महिलाओं की पीड़ा और सम्मान का मजाक उड़ाने जैसा है। समयुन खान ने सवाल उठाया कि अगर सरकार में बैठे लोग ही महिलाओं के प्रति ऐसी सोच रखते हैं, तो आम महिलाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां महिलाओं को डराने और चुप कराने का काम करती हैं, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राष्ट्रपति के नाम सौंपा चार सूत्रीय ज्ञापन प्रदर्शन के बाद महिलाओं के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के नाम चार सूत्रीय ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि मंत्री संजय निषाद के बयान से देश की बेटियों की अस्मिता को ठेस पहुंची है और इस तरह की भाषा लोकतंत्र और संविधान दोनों के खिलाफ है। महिलाओं ने राष्ट्रपति से मांग की कि इस मामले में सख्त संज्ञान लेते हुए मंत्री के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी जनप्रतिनिधि महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली भाषा का प्रयोग न कर सके। घटिया मानसिकता का आरोप
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि जब मंत्री संजय निषाद से बिहार के बुरका प्रकरण पर सवाल किया गया, तो उन्होंने बेशर्म हंसी के साथ कहा कि नकाब ही तो खींचा है, इतना हो हल्ला क्यों मचाया जा रहा है। महिलाओं का आरोप है कि इस तरह की टिप्पणी बेहद आपत्तिजनक है और इससे यह संदेश जाता है कि महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं को हल्के में लिया जा रहा है। महिलाओं ने कहा कि ऐसे बयान उन्हें अपमानित और भयभीत करते हैं और यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि अगर प्रदेश सरकार में इस मानसिकता के लोग मंत्री हैं, तो महिलाओं की सुरक्षा का क्या होगा। कानूनी कार्रवाई से लेकर मंत्री पद से बर्खास्तगी तक
महिलाओं द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में चार प्रमुख मांगें रखी गईं। पहली मांग यह है कि मंत्री संजय निषाद द्वारा दिए गए बयान पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। दूसरी मांग में उन्हें तत्काल मंत्री पद से हटाने की बात कही गई। तीसरी मांग है कि मंत्री से आधिकारिक रूप से माफी मंगवाई जाए। चौथी और सबसे कड़ी मांग यह रखी गई कि संजय निषाद को सभी राजनीतिक और संवैधानिक पदों से पदमुक्त किया जाए। बड़ी संख्या में महिलाएं रहीं मौजूद
पुतला दहन और ज्ञापन कार्यक्रम में आस संस्था की अध्यक्षा समयुन खान के साथ हिमांशी शर्मा, मीनाक्षी यादव, हुरिया रहमान, तंजीम, कौसर, वाणी, रेशमा, जूलेखा, शीला यादव, अनुपमा, फ्लोरेंस, सायरा, मेहरून, शबनम, अंकिता सहित बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं। प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि जब तक महिलाओं के सम्मान पर सवाल उठाने वाले बयानों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।
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