सहरसा में वैश्य समाज का आठवां स्थापना दिवस बुधवार को मीर टोला स्थित वैश्य समाज कार्यालय में मनाया गया। इस अवसर पर केक काटा गया और समाज की एकजुटता, सामाजिक चेतना तथा राजनीतिक भागीदारी को लेकर गंभीर मंथन किया गया। समारोह में सामाजिक, राजनीतिक एवं विभिन्न संगठनों से जुड़े बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों ने भाग लिया। साथ ही बिहार मे वैश्य आयोग गठन मांग किया गया। वैश्य समुदाय को कमजोर करने की चल रही साजिश समारोह को संबोधित करते हुए वैश्य समाज के जिलाध्यक्ष रामकृष्ण साह उर्फ मोहन साह ने कहा कि वैश्य समुदाय को वर्षों से अलग-अलग जातियों में बांटकर उसकी सामूहिक शक्ति को कमजोर करने की साजिश चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव के समय वैश्य समाज को वोट बैंक के रूप में देखा जाता है, लेकिन चुनाव समाप्त होते ही सेल टैक्स और इनकम टैक्स सहित विभिन्न विभागों के माध्यम से उनका शोषण शुरू हो जाता है। मोहन साह ने आगे कहा कि राजनीतिक भागीदारी की बात आते ही समाज को दरकिनार कर दिया जाता है। ऐसे में वैश्य समाज को अपनी जमात और संगठित शक्ति का निर्माण करना होगा। उन्होंने आगामी 14 जनवरी से “वैश्य समाज गांवों की ओर” अभियान शुरू करने की भी घोषणा की। पहले नगर निगम-सहरसा विधानसभा से समाज के विधायक होते थे वैश्य समाज के प्रवक्ता राजीव रंजन साह ने हालिया नगर निगम चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि एक गहरी साजिश के तहत समाज की ताकत को तोड़ने का प्रयास किया गया। कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र कुमार देव ने आत्ममंथन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि पहले नगर निगम और सहरसा विधानसभा से वैश्य समाज के विधायक होते थे, लेकिन अब परिस्थितियां बदल गई हैं। देवेंद्र कुमार देव ने एकजुट होकर राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों के लिए संघर्ष का आह्वान किया। समाजसेवी रंजीत दास और पोद्दार महासभा के कलानंद पोद्दार सहित अनेक वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। उपस्थित पदाधिकारियों और सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि सामाजिक समरसता और राजनीतिक भागीदारी के बिना किसी समाज का समग्र विकास संभव नहीं है। उन्होंने स्थापना दिवस को केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि समाज को नई दिशा और ऊर्जा देने वाला महत्वपूर्ण पड़ाव बताया।
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