पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर बुधवार को बुलाया गया मेरठ बंद अभूतपूर्व रहा। शाम 4:00 बजे तक बाजारों में सन्नाटा पसरा था। लंबे समय के बाद किसी मुद्दे को लेकर अधिवक्ताओं के अलावा राजनीतिक, व्यापारिक और सामाजिक संगठन एक मंच पर दिखाई दिए। शाम को प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सोपा गया, जिसके बाद बाजार खुलते चले गए। सबसे खास बात यह है कि मेरठ बंद की गूंज दिल्ली तक पहुंचने का दावा किया जा रहा है। तस्वीरों से समझें मेरठ बंद को : आईए जानते हैं मेरठ बंद का उद्देश्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर 5 दशकों से अधिवक्ता आंदोलन करते आ रहे हैं। पदयात्रा से लेकर हड़ताल और जेल भरो आंदोलन तक चले लेकिन पश्चिम को हाई कोर्ट बेंच नहीं मिल पाई। अधिवक्ताओं का कहना था कि हाई कोर्ट बेंच के बिना सस्ते और सुलभ न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती है। जन आंदोलन के रूप में मेरठ बंद अभी तक अधिवक्ता हाई कोर्ट बेंच की लड़ाई लड़ते आ रहे थे। इस बार आम जनता को जोड़ते हुए इस आंदोलन को जन आंदोलन का रूप देने का काम किया गया है। अधिवक्ताओं ने 1000 से ज्यादा संगठनों से समर्थन प्राप्त किया और मेरठ बंद की घोषणा कर दी। इसी का असर ही कहेंगे कि बुधवार को आमजन भी सड़क पर अधिवक्ताओं के कंधे से कंधा मिलाकर चलता दिखाई दिया। सुबह से सड़कों पर दिखाई दिए अधिवक्ता मेरठ बंद को सफल बनाने के लिए बुधवार बहुत सुबह से ही अधिवक्ता सड़कों पर दिखाई दिए। शहर के प्रमुख चौराहों से लेकर कचहरी के विभिन्न गेटों पर अधिवक्ताओ का शांतिपूर्ण तरीके से धरना चला। युवा अधिवक्ताओं की टोलियां सड़कों पर थी तो वरिष्ठ अधिवक्ता कचहरी में मोर्चा संभाले हुए थे। महिला अधिवक्ताओं में भी मेरठ बंद को लेकर खासा उत्साह दिखा। बेगमपुल पर बनाई मानव श्रृंखला मेरठ बंद के दौरान दोपहर में कई संगठन बेगमपुल चौराहे पर पहुंच गए और वहां मानव श्रृंखला तैयार की। इस दौरान अधिवक्ता, कांग्रेस, बसपा और भाजपा के अलावा संयुक्त व्यापार संघ, मेरठ व्यापार मंडल, पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल के प्रतिनिधि में कार्यकर्ता मौजूद रहे। पुलिस-प्रशासन के अफसर रहे भ्रमणशील मेरठ बंद के दौरान आम जनता को अव्यवस्था का सामना न करना पड़े, इसके लिए पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की ड्यूटी लगाई गई थी। यह अफसर दोपहर तक भ्रमणशील दिखे। एडीएम सिटी बृजेश कुमार सिंह और एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र कुमार मिश्र सुबह से ही सड़क पर थे। इसके अलावा जितने भी स्थान पर अधिवक्ता मौजूद थे, वहां सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस फोर्स तैनात किया गया था। ट्रैफिक पुलिस भी दिखाई दी एक्टिव जाम की समस्या से निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस की भी ड्यूटी लगाई गई थी। ट्रैफिक प्रभारी संतोष कुमार सिंह, ट्रैफिक इंस्पेक्टर लालसा पांडे व विजय कुमार सिंह खुद बेगम पुल चौराहे पर मौजूद रहे। जिस वक्त बेगमपुल चौराहे पर मानव श्रृंखला बनाई गई, उस वक्त ट्रैफिक पुलिस ने जीरो माइल से ट्रैफिक डायवर्जन करा दिया। कुछ देर बाद ही रास्ता सामान्य हो गया। प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौपा शाम 4 बजे तक मेरठ बंद प्रभावी रहा। इसके बाद हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन एडीएम सिटी बृजेश कुमार सिंह को सोपा। हाई कोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि केंद्रीय कमेटी के निर्देशों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। दिल्ली तक मेरठ बंद की गूंज पहुंची है। उसी का नतीजा है कि विधि मंत्री ने संघर्ष समिति को वार्ता का बुलावा भेजा है। मेरठ बंद को लेकर कुछ प्रतिक्रिया : – AIMIM के जिला अध्यक्ष फहीम चौधरी एडवोकेट ने कहां की जनता हाईकोर्ट बेंच का महत्व समझ चुकी है। इसीलिए दिल खोलकर समर्थन दिया गया। यह इस आंदोलन की बड़ी उपलब्धि है। – मोहम्मद शादाब एडवोकेट ने ऐतिहासिक बंद के लिए जनता का आभार जताया है। उन्होंने कहा जनता के समर्थन से हाई कोर्ट बेंच की लड़ाई और मजबूत हो गई। – एडवोकेट दर्शन सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकार है। इन सरकारों के पास अब कोई बहाना नहीं बचा है। वह यह समझ लें कि उन्हें बनाने और बिगड़ने वाला भी पश्चिम उत्तर प्रदेश ही है। – मोहम्मद इमरान कुरैशी एडवोकेट ने कहा कि बंद पहले भी बहुत हुए लेकिन यह ऐतिहासिक है। सरकार को अब जाग जाना चाहिए और हाईकोर्ट बेंच की मांग को तत्काल पूरा करना चाहिए। यह जन आंदोलन थमने वाला नहीं है।
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