जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय (पॉक्सो) रूपाली सक्सेना की अदालत ने एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोपी युवक को सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपी पर 15,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अभियोजन पक्ष के कथनानुसार, यह मामला मछलीशहर थाना क्षेत्र का है। यहां के एक निवासी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी 16 वर्षीय बेटी, जो कक्षा 12 में पढ़ती थी, को सूरज पुत्र मेवा लाल बिंद निवासी जमुहर, थाना मछलीशहर, अक्सर फोन करता था। वह उसे भगा ले जाने की धमकी देता था। शिकायतकर्ता के अनुसार, 22 सितंबर 2017 को सुबह 4 बजे सूरज के दोस्त संजय ने उनकी बेटी को भुसावल भेज दिया था। बेटी को रोडवेज पर संजय के साथ देखा गया था। अगले दिन, सूरज ने भुसावल से फोन कर बताया कि उसने उनकी बेटी को ट्रेन से उतार लिया है। पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। शासकीय अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी और रमेश चंद्र पाल द्वारा परीक्षित गवाहों के बयान और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने आरोपी युवक को दोषी पाया। अदालत ने आरोपी को सात वर्ष के सश्रम कारावास और 15,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि अर्थदंड की पूरी राशि पीड़िता को दी जाए।
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