एचबीटीयू वेस्ट कैंपस के शताब्दी भवन सभागार में बुधवार को त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम योजनांतर्गत राज्यस्तरीय कार्यशाला एवं प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। उन्नाव से आए किसान हरीशचंद्र ने कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के सामने निजी कंपनियों के बीज व खाद में गड़बड़ी की शिकायत की। किसान ने कहा कि दुकानदार से बीज में गड़बड़ी की शिकायत करने पर भी कोई समाधान नहीं मिल पाता है। शिकायत करने के दौरान मंत्री के सुरक्षाकर्मियों व पुलिस ने किसान को पीछे किया। मंत्री ने तत्काल सुरक्षाकर्मियों से किसान को छोड़ने के लिए कहा। मंत्री ने किसान से कहा कि मामला लिखकर दीजिए। मंत्री ने उप निदेशक कृषि को जांच की बात कही। मक्के की खेती के लिए किया प्रोत्साहित
कृषि मंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मक्के की खेती ऐसी फसल है जो अन्य फसलों से ज्यादा पैदावार देती है। मक्के की खेती करने वाले किसानों को अब प्रति एकड़ पांच क्विंटल फसल उत्पादन का लक्ष्य लेना होगा। सरकार ने मक्के की फसल के लिए 2400 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है। किसानों को मक्का के हाइब्रिड बीज पर सब्सिडी भी दी जा रही है। मक्के का एथेनॉल में प्रयोग बढ़ा
कृषि निदेशक डॉ. पंकज ने कहा कि मक्का के क्षेत्र में उत्पादन बढ़ा है। एथेनॉल में भी प्रयोग बढ़ा है। कृषकों के मध्य नई प्रजाति, सिंचाई प्रबंधन, कृषि यंत्रों के उपयोग, मार्केटिंग के प्रति जागरूक करने की जरूरत बताई। इससे पहले कृषि मंत्री शाही ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर देसी और हाइब्रिड बीजों की प्रजातियों और आधुनिक मशीनों की खासियत के बारे में जाना।
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