कासगंज जिला कलेक्ट्रेट पर भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के कार्यकर्ताओं ने अपर जिलाधिकारी दिग्विजय सिंह को एक ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में उत्तर प्रदेश में कुछ तथाकथित किसान संगठनों में आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों की सक्रियता पर चिंता व्यक्त की गई है और मुख्यमंत्री से ऐसे संगठनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की गई है। संगठन के जिलाध्यक्ष संजय प्रजापति के नेतृत्व में दर्जनों किसान कार्यकर्ता बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित इस ज्ञापन में कहा गया है कि वर्तमान में कुछ तथाकथित फर्जी किसान संगठनों में ऐसे व्यक्ति महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हो गए हैं, जिनका आपराधिक इतिहास रहा है। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि ये व्यक्ति किसान हितों की आड़ में व्यापारियों से अवैध धन उगाही, गरीबों की भूमि पर कब्जा, टोल प्लाजा पर अव्यवस्था फैलाने और थानों पर अनावश्यक धरना प्रदर्शन कर पुलिस व प्रशासन पर दबाव बनाने जैसे कृत्यों में शामिल हैं। संगठन का मानना है कि ऐसी गतिविधियां न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती हैं, बल्कि वास्तविक किसानों, व्यापारियों और विकास कार्यों के लिए भी हानिकारक हैं। भाकियू अराजनैतिक के जिलाध्यक्ष संजय प्रजापति ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि ऐसे किसान संगठनों और उनके पदाधिकारियों की गहन जांच कराई जाए। जिन व्यक्तियों का आपराधिक इतिहास पाया जाए, उन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाए। साथ ही, किसान संगठनों की आड़ में होने वाली अवैध गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाया जाए, ताकि किसान आंदोलन की गरिमा बनी रहे और समाज में शांति एवं विकास का वातावरण कायम रहे। ज्ञापन में कुछ अन्य मांगें भी शामिल हैं। इनमें जनपद में दुकानदारों द्वारा ‘पूरिया लगेज’ (पैकेजिंग) के साथ दिए जाने पर किसानों को अतिरिक्त व्यय से बचाने के लिए बिना लगेज पूरिया उपलब्ध कराने की मांग की गई है। इसके अतिरिक्त, तहसील सहावर के गांव बुथरा और तहसील पटियाली के गांव भीमसेन में आवारा गोवंश और बंदरों के प्रकोप से निजात दिलाने की मांग भी की गई है।
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