भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) ने जिले में किसान संगठनों की आड़ में चल रही अवैध गतिविधियों और किसानों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा है। संगठन ने ज्ञापन में स्पष्ट किया है कि कुछ तथाकथित किसान संगठनों से जुड़े आपराधिक प्रवृत्ति के लोग किसानों के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं। वे दबाव बनाने और कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने का कार्य कर रहे हैं, जिससे आम किसान स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहा है। ज्ञापन में बताया गया है कि कई स्थानों पर किसानों से जबरन चंदा वसूली की जा रही है। निजी विवादों में किसान आंदोलन का नाम लेकर धमकाने और सरकारी कार्यालयों तथा अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव बनाने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। इससे प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहा है और किसानों की वास्तविक समस्याएं पीछे छूट रही हैं। संगठन ने यह भी आरोप लगाया है कि कुछ लोग किसानों की जमीनों पर अवैध कब्जे कर रहे हैं। वे बालू खनन, परिवहन और औद्योगिक गतिविधियों में किसानों का नाम जोड़कर गलत लाभ उठा रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) ने जिले के कई औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण के कारण किसानों की फसलों के प्रभावित होने का मुद्दा भी उठाया। इससे उत्पादन में कमी आ रही है और किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, लंबे समय से लंबित मुआवजा, बिजली आपूर्ति की समस्या, सिंचाई के साधनों की कमी और किसानों की जमीनों पर अवैध कब्जे जैसी समस्याएँ भी ज्ञापन में प्रमुखता से उठाई गई हैं। संगठन ने प्रशासन से मांग की है कि किसान संगठनों में सक्रिय आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की गहन जांच कराई जाए। जिनका आपराधिक इतिहास पाया जाए, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही, किसानों के नाम पर हो रही अवैध गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाते हुए वास्तविक किसानों को न्याय दिलाया जाए, ताकि जिले में शांति, कानून-व्यवस्था और विकास का वातावरण बना रह सके।
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