मुजफ्फरनगर में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां एक परिवार के माता-पिता के जेल जाने के बाद स्कूल ने उनकी तीन नाबालिग बेटियों को पढ़ाने से इनकार कर दिया। स्कूल प्रबंधन ने तीनों बच्चियों को ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) थमाते हुए स्कूल से निकाल दिया। प्रबंधन ने बेटियों से साफ शब्दों में कह दिया- “तुम्हारे माता-पिता जेल में हैं, हम ऐसे बच्चों को नहीं पढ़ा सकते।” इसके बाद तीनों बच्चियों के नाम स्कूल रजिस्टर से काट दिए गए और टीसी दे दी गई। एक शिक्षिका ने जातिसूचक शब्द भी कहे। कहा- ”तुम लोग वाल्मिकी समाज से हो और जेल से जुड़े हो, हम तुम्हे नहीं पढ़ाएंगे।” बच्चियों ने जेल में बंद पिता से मुलाकात कर उन्हें पूरी बात बताई। इसके बाद जेल के निरीक्षण को पहुंचे डीएम के सामने पीड़िता बच्चियों को पिता ने शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई। हालांकि स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब जेल से छूटने के बाद बच्चियों के पिता ने डीएम कार्यालय पहुंचकर फिर से लिखित शिकायत की है। घटना जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर तीतावी थाना क्षेत्र के कल्याणकारी कन्या इंटर कॉलेज की है। पूरा मामला पढ़िए…
तीतावी थाना क्षेत्र के नरोत्तमपुर गांव निवासी धीरज कुमार ने बताया- कुछ समय पहले पड़ोसियों से मारपीट के एक मामले में उन्हें और उनकी पत्नी को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया था। इस दौरान उनकी तीनों बेटियां घर पर अकेली रह गईं और रोज की तरह स्कूल जाती रहीं। तीनों बेटियां जागाहेड़ी के काजीबेड़ा स्थित कल्याणकारी कन्या इंटर कॉलेज में पढ़ाई करती हैं। बड़ी बेटी गुरमीत रानी कक्षा 9वीं, मंझली बेटी उपासना रानी कक्षा 8वीं और छोटी बेटी कक्षा 6वीं में पढ़ रही थी। धीरज का आरोप है कि इसी दौरान कॉलेज प्रबंधन ने बच्चियों को स्कूल बुलाकर नाम काट दिया। धीरज के अनुसार, स्कूल प्रबंधन ने बच्चियों से साफ शब्दों में कहा- “तुम्हारे माता-पिता जेल में हैं, हम ऐसे बच्चों को नहीं पढ़ा सकते।” इसके बाद तीनों बच्चियों के नाम स्कूल रजिस्टर से काट दिए गए और टीसी थमा दी गई। परिवार का आरोप है कि स्कूल की एक महिला शिक्षिका ने जातिसूचक टिप्पणी भी की और कहा- “तुम वाल्मीकि समाज से हो और जेल से जुड़े हो, हम तुम्हें नहीं पढ़ाएंगे।” जेल में मुलाकात के दौरान पिता को सुनाई आपबीती
धीरज कुमार ने बताया कि दो-चार दिन बाद जब बेटियां जेल में मुलाकात के लिए पहुंचीं, तब उन्होंने रोते हुए पूरी घटना बताई। इसी दौरान जेल निरीक्षण पर पहुंचे डीएम और जज के सामने भी शिकायत रखी गई, लेकिन परिवार का आरोप है कि अब तक स्कूल प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जेल से छूटने के बाद भी स्कूल ने भगा दिया
धीरज की पत्नी प्रतिभा, जेल से रिहा होने के बाद जब बच्चियों को लेकर स्कूल पहुंचीं, तो स्कूल प्रबंधन ने साफ कह दिया- “नाम पहले ही काट दिया गया है, अब यहां मत आना। बच्चों को कहीं और पढ़ा लो।” पुलिस पर भी गंभीर आरोप
पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस मामले की शिकायत स्थानीय पुलिस से की, तो वहां से भी उन्हें अपमान झेलना पड़ा। परिवार का दावा है कि पुलिसकर्मियों ने कहा- “हम तुम्हारे बच्चों का एडमिशन कराएंगे क्या? ऐसी शिकायत क्यों की?” डीएम कार्यालय में फिर लिखित शिकायत, बच्चियां बीमार पड़ीं
अब पीड़ित परिवार ने परिजनों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर फिर से लिखित शिकायत दी है। शिकायत में मांग की गई है कि स्कूल प्रबंधन और संबंधित शिक्षकों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो। बच्चियों का उसी स्कूल में दोबारा दाखिला कराया जाए। शिक्षा से वंचित किए जाने के कारण बच्चियों को हुए मानसिक उत्पीड़न की जांच की जाए। परिवार का कहना है कि बच्चियां इस घटना के बाद मानसिक तनाव में हैं और बीमार भी पड़ गई हैं। मामले को लेकर बीएसए संदीप कुमार को कॉल किया गया तो उन्होंने डीआईओएस से बात करने को कहा। वहीं कई बार कॉल करने के बाद भी डीआईओएस ने फोन रिसीव नहीं किया। ————————————- ये खबर भी पढ़िए… साहब…भीख मांग लूंगा, चोरी नहीं करूंगा, VIDEO:एनकाउंटर में गोली लगी तो संभल SP के सामने गिड़गिड़ाया कार लिफ्टर संभल में पैर में गोली मारकर पुलिस ने कार लिफ्टर को अरेस्ट किया। हॉफ एनकाउंटर के बाद कार लिफ्टर पुलिस के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगा। SP से हाथ जोड़कर कहता रहा, “साहब, भीख मांगकर गुजारा कर लूंगा, लेकिन कभी चोरी नहीं करुंगा।” घटना मंगलवार की चंदौसी कोतवाली क्षेत्र के कैथल जाने वाले मार्ग की बताई जा रही है। पुलिस टीम वहां संदिग्ध वाहनों की जांच कर रही थी। इसी दौरान स्विफ्ट डिजायर कार सवार पुलिस को देखकर घबरा गया। पूरी खबर पढ़िए…
https://ift.tt/8YNhJly
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply