देवरिया जिले की बरहज नगर पालिका में लंबे समय से लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि हो गई है। शासन स्तर की जांच में नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी (EO) निरुपमा प्रताप और अध्यक्ष श्वेता जायसवाल को दोषी पाया गया है। जिला प्रशासन ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करते हुए विस्तृत जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। बरहज नगर पालिका काफी समय से भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर चर्चा में थी। स्थानीय निवासी अमरेंद्र गुप्ता ने शासन को 26 बिंदुओं पर विस्तृत शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में नगर पालिका के कार्यों में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं और सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था। शिकायत में टेंडर प्रक्रिया, जेम पोर्टल के माध्यम से की गई खरीदारी, डस्टबिन की आपूर्ति, वाहनों के डीजल व्यय और अन्य मदों में अनियमितताओं का उल्लेख किया गया था। इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए देवरिया जिला प्रशासन ने छह सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था। समिति ने नगर पालिका के अभिलेखों, भुगतान विवरण, टेंडर प्रक्रिया और खरीद संबंधी दस्तावेजों की गहन जांच की। जांच के दौरान कई मामलों में नियमों की अनदेखी, निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन न किया जाना और वित्तीय गड़बड़ियों के प्रमाण मिले। जांच रिपोर्ट के अनुसार, टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई। जेम पोर्टल से की गई खरीदारी में नियमों का उल्लंघन हुआ और डस्टबिन की आपूर्ति में तय मानकों का पालन नहीं किया गया। इसके अलावा, डीजल व्यय में भी अनियमितताएं पाई गईं, जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग की पुष्टि हुई। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर, जिला प्रशासन ने बरहज नगर पालिका की EO निरुपमा प्रताप और अध्यक्ष श्वेता जायसवाल के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है, जिसमें सभी 26 बिंदुओं का उल्लेख करते हुए संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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