हापुड़ में बुधवार को जिला कांग्रेस कमेटी ने मनरेगा योजना रद्द करने के केंद्र सरकार के कथित कदम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस पदाधिकारियों ने नगरपालिका परिषद स्थित गांधी प्रतिमा पर धरना दिया और भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश त्यागी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को निरस्त करने के लिए विधेयक पेश करने का कार्यक्रम एक चिंताजनक और सुनियोजित कदम है। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक,अधिकार-आधारित जन कानून को कमजोर करने और भारत के सबसे पहचाने जाने वाले कल्याणकारी कानून से महात्मा गांधी का नाम और मूल्यों को मिटाने की राजनीतिक चाल बताया। कांग्रेस सरकार के दौरान मनरेगा योजना में हर हाथ को काम दो, काम का पूरा दाम दो” का वादा था। उन्होंने कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण भारतीयों को काम मांगने का कानूनी अधिकार दिया, पूरे ग्रामीण भारत में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी और महिलाओं व भूमिहीन लोगों को सशक्त बनाया। पूर्व विधायक गहराज सिंह ने कहा कि मनरेगा का नाम बदलना भाजपा और आरएसएस की गांधी जी के मूल्यों के प्रति लंबे समय से चली आ रही असहजता और अविश्वास को दर्शाता है। उन्होंने इसे राष्ट्रपिता के नाम को एक जन-केंद्रित कल्याणकारी कानून से मिटाने का प्रयास बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इस अधिनियम के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के मजदूर भाइयों को काम के अधिकार से वंचित कर उन्हें केंद्र-नियंत्रित दया और दान की व्यवस्था पर निर्भर कराना चाहती है, जिसे कांग्रेस पार्टी कभी बर्दाश्त नहीं कर सकती। प्रदर्शन के बाद, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार स्वाति गुप्ता को एक ज्ञापन सौंपा। इस दौरान पूर्व शहर अध्यक्ष दिनेश चंद शर्मा, पूर्व पीसीसी सदस्य नवरत्न त्यागी, पूर्व प्रदेश सचिव डॉक्टर शोएब, सभासद सुशील शास्त्री, जकरिया मनसबी, जिला महासचिव इकबाल प्रधान, कपिल शर्मा, आई सी शर्मा, मेजर शौकीन चौधरी, ओमवीर नागर, गौरव गर्ग, विक्की शर्मा, भरतलाल शर्मा, अनुज कुमार एडवोकेट, रवींद्र गुर्जर, कुसुम लता, सुबोध शास्त्री, लोकपाल सागर, यशपाल सिंह ढिलोर, निसार अहमद, शहजाद मेवाती, जितेंद्र नागर, सुबोध शास्त्री, संजय छाबड़ा, अनूप कर्दम सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
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