पिछले कुछ दिनों से पूरा यूपी घने कोहरे की चादर में ढका हुआ है। कई जिलों में तो विजिबिलिटी शून्य तक पहुंच गई है। घने कोहरे के कारण कुछ नजर न आने से आए दिन हादसे हो रहे हैं और अब तक प्रदेश में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है। पर ऐसे घने कोहरे को भी हरदोई पुलिस का अचूक निशाना मात दे रहा है। दरअसल हरदोई पुलिस ने महज घने कोहरे के बीच एक हत्यारोपी बदमाश का एनकाउंटर किया। पृथ्वीराज चौहान की तरीके हरदोई पुलिस के शॉर्प शूटर्स ने महज 5 मीटर विजिबिलिटी के बावजूद बदमाश के ठीक दोनों घुटनों पर फायरिंग कर उसे घायल कर दिया और दबोच लिया। मुठभेड़ में एक सिपाही भी घायल हुआ है। जिसे महज हाथ में खरोंच आई है। सोशल मीडिया पर एनकाउंटर के फोटो-वीडियो सामने आने के बाद लोग अलग-अलग तरीके की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कोई इसे फर्जी एनकाउंटर बता रहा है तो कोई पुलिस के अचूक निशाने पर फब्तियां कस रहा है। घटना जिला मुख्यालय से 38 किलोमीटर दूर माधौगंज थाना क्षेत्र की है। अब पूरा मामला विस्तार से… हरदोई में पिछले तीन दिनों से घने कोहरे का असर है। मौसम विभाग के अनुसार, विजिबिलिटी शून्य से महज 5 मीटर है। मंगलवार को घने कोहरे के बीच जीरो विजिबिलिटी के चलते जिला मुख्यालय के पास कोतवाली देहात में ट्रैक्टर ने तीन गाड़ियों को टक्कर मार दी थी। जिसमें लगभग 4 लोग घायल हो गए थे। बुधवार को भी घने कोहरे का असर बरकरार था, पर कोहरे और लो विजिबिलिटी को मात देते हुए माधौगंज थाना पुलिस ने एक भागते हुए बदमाश का हाफ एनकाउंटर कर डाला। दरअसल माधौगंज थाना क्षेत्र में मंगलवार को एक युवती का शव बरामद हुआ था, जिसकी गला घोटकर हत्या की गई थी। पुलिस मामले की जांच कर रही थी। इसी दौरान हत्यारोपी फुरकान की लोकेशन ट्रेस हो गई। थाना प्रभारी विजय कुमार समेत 8 पुलिस कर्मियों की टीम ने मंगलवार देर रात 12:30 बजे उसे तपनौर रोड पर गंगा एक्सप्रेस-वे पुल के पास घेर लिया। सीओ बिलग्राम रवि प्रकाश के अनुसार, फुरकान को रुकने को कहा, तो उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। फुरकान की ओर से की गई फायरिंग में पुलिस को खरोंच तक नहीं आई। इसके बाद फुरकान भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस ने उसका पीछा किया और भागते हुए फुरकान पर जवाबी फायरिंग की। पुलिस की ओर से चलाई गईं दोनों गोलियां फुरकान के ठीक दोनों पैरों के घुटनों पर लगीं और वह लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा। पुलिस ने उसे घेर कर दबोच लिया। बदमाश के पास से पुलिस ने 01 तमंचा (315 बोर), 03 खोखा कारतूस (315 बोर), मृतका का मोबाइल फोन बरामद किया है। पुलिस ने उसे माधौगंज सीएचसी में भर्ती कराया है। वहीं इस मुठभेड़ के दौरान पीछा करते समय गिरने से माधौगंज थाने के सिपाही ज्ञानप्रकाश के हाथ में मामूली खरोंच आई है, उन्हें भी भर्ती कराया गया है। सीओ बोले- पुलिस ने आत्मरक्षा में की फायरिंग
सीओ बिलग्राम रवि प्रकाश का कहना है कि पूरी कार्रवाई आत्मरक्षा में की गई है और सभी तथ्यों की जांच की जा रही है। मामले से जुड़े सभी साक्ष्यों को न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। अब जानिए किस घटना में फरार था फुरकान… मामला 16 दिसंबर 2025 का है। ग्राम गुलाबनगर मजरा डकौली निवासी ज्योति (21) पुत्री जीत बहादुर का शव गांव के बाहर पंचायत भवन के पास कूड़ा घर के निकट मिला था। सूचना पर स्थानीय पुलिस और उच्चाधिकारी मौके पर पहुंचे। फील्ड यूनिट ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए और शव को पंचायतनामा की कार्रवाई के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। परिजनों की तहरीर पर माधौगंज थाना में हत्या और साक्ष्य मिटाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी अशोक कुमार मीणा ने दो विशेष पुलिस टीमें गठित कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पिता जीत बहादुर ने बताया- ज्योति सोमवार की दोपहर घर से निकली थी। पिता ने बताया कि संडीला में स्थित एक प्लाईवुड फैक्ट्री में नौकरी दिलाने के लिए गांव का ही एक युवक उसे ले गया था। मृतका से पहले से परिचित था आरोपी
पुलिस का कहना है कि जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार आरोपी मृतका और उसके परिवार से पहले से परिचित था। पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपराध स्वीकार करने की बात भी पुलिस ने कही है। फिलहाल आगे की वैधानिक कार्रवाई जारी है। ———————————— ये खबर भी पढ़िए… ट्यूशन टीचर ने डांटा तो छात्र 9वीं मंजिल से कूदा..मौत:कानपुर में बालकनी से लगाई छलांग, मां बोली- सुसरालवालों ने नीचे फेंका कानपुर में 8वीं के छात्र ने 9वीं मंजिल से कूदकर सुसाइड कर लिया। परिवार का कहना है कि ट्यूशन टीचर ने 14 साल के बेटे को होमवर्क दिया था, लेकिन उसने पूरा नहीं किया। इस पर टीचर ने उसे डांट दिया। गुस्से में वह कमरे में गया और बालकनी से कूद गया। परिवार उसे अस्पताल ले गया, जहां उसकी मौत हो गई। हालांकि, मां ने आरोप लगाया कि बेटे ने सुसाइड नहीं किया, बल्कि ससुराल वालों ने उसे फेंका है। मेरे पति बच्चे को टॉर्चर करते थे। मुझसे मिलने नहीं देते थे। जब बेटा मुझसे मिलने की बात करता, तो उसे कमरे में बंद कर पीटते थे। वह इतना कमजोर नहीं था कि डिप्रेशन में चला जाए और ऐसा कदम उठा ले। पढ़िए पूरी खबर…
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