जौनपुर में माता-पिता की हत्या करने वाले इकलौते इंजीनियर बेटे ने बड़ा खुलासा किया है। उसने कबूल किया है कि दोनों उसकी मुस्लिम पत्नी से शादी तुड़वाना चाहते थे। इसके बदले वह गुजारा भत्ता देने के लिए तैयार नहीं थे। इंजीनियर अम्बेश ने पश्चिम बंगाल में 6 साल पहले मुस्लिम युवती से शादी की थी। दोनों के पांच साल और 11 महीने के बेटे हैं। वह अपनी पत्नी को नहीं छोड़ना चाहता था, लेकिन माता-पिता राजी नहीं थे। इसी को लेकर विवाद हो रहा था। इधर, तीसरे दिन भी 15 गोताखोर गोमती नदी में शव की तलाश कर रहे हैं। हत्या 8 दिसंबर को की गई थी। सबसे पहले पढ़िए हत्या की पूरी कहानी… अब जानिए पूरा मामला… जफराबाद क्षेत्र के अहमदपुर गांव के पुरानी गोदाम निवासी श्याम बहादुर मूल रूप से केराकत के खरगसेनपुर गांव के रहने वाले थे। उन्हें उनके ससुर रामनारायण ने अहमदपुर गांव में संपत्ति दी थी। श्याम बहादुर जमशेदपुर में रेलवे में लोको पायलट के पद पर तैनात थे। कुछ माह पूर्व ही वे रिटायर्ड हुए थे और अहमदपुर गांव में घर बनवाकर पत्नी बबीता के साथ रहने लगे थे। श्यामबहादुर के तीन बेटियां थीं। वंदना कुमारी, अर्चना और सपना। उनका एक बेटा अम्बेश कुमार है। अम्बेश दूसरे नंबर का था। तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है। अम्बेश कुमार ने बीटेक किया है। अम्बेश कोलकाता में एक कंपनी में क्वालिटी इंजीनियर के पद पर कार्यरत था। उसे 25 हजार रुपए सैलरी मिलती थी। अम्बेश कुमार ने वर्ष 2019 में कोलकाता की सहजिया नामक युवती से लव मैरिज किया था। उनके पांच साल का एक बेटा और 11 महीने का एक और बेटा है। पिता श्याम बहादुर और मां बबीता बेटे अम्बेश की लव मैरिज के खिलाफ थे। इसकी वजह से वह अपने मां-बाप दोनों से नाराज था। 8 दिसंबर को इसी बात को लेकर अम्बेश का अपने पिता श्याम बहादुर और मां बबीता देवी से झगड़ा हो गया। उसने घर में रखे सिलबट्टे से ही पिता के सिर पर वार कर दिया और बीच-बचाव करने आई मां को भी बेरहमी से मार दिया। इसके बाद उसने दोनों के शवों को बोरे में भरा और कार से ले जाकर गोमती नदीं में फेंक दिया बहन ने रिपोर्ट दर्ज कराई, तब खुला मामला
घटना के बाद अम्बेश फरार हो गया। उसकी बहन वंदना ने जब अगले दिन यानी नौ दिसंबर को अपने मां-बाप से बात करने के लिए फोन किया तो फोन रिसीव नहीं हुआ। फिर उसने अपने भाई को फोन किया। अम्बेश ने अपनी बहन का फोन नहीं उठाया। इसके चार दिनों की तलाश के बाद वंदना ने अपने माता-पिता और भाई के लापता होने की रिपोर्ट लिखाई। पुलिस ने मामले की जांच के लिए तीन टीम बनाई। पुलिस को 15 दिसंबर की शाम अम्बेश कुमार घर के पास ही मिल गया। अब पढ़िए पूरा कबूलनामा…
एएसपी (सिटी) आयुष श्रीवास्तव के अनुसार, अम्बेश ने पूछताछ में घटना का सिलसिलेवार ब्योरा दिया है। उसने बताया कि माता-पिता हर हाल में मेरी शादी तुड़वाना चाहते थे।वे चाहते थे कि दूसरी शादी कर ले। वह पहले तैयार भी हो गया, लेकिन गुजारा भत्ता देने के लिए माता-पिता देने से इनकार कर दिया। इस पर उसने तलाक देने से इनकार कर दिया था। इसी बात पर कहासुनी हुई। पहले उसने मां को मारा, फिर पिता की हत्या की। फिर कार में दोनों का शव रखकर गोमती नदी में फेंक आया। पुलिस ने आरोपी अम्बेश कुमार को घर ले जाकर घटना का सीन रीक्रिएट भी कराया। परिवार के एक सदस्य के मुताबिक, अम्बेश की पत्नी पहले 10 लाख रुपए की मांग कर रही थी। बाद में उसने यह राशि कम कर दी और सिर्फ 5 लाख रुपए में तैयार हो गई। अम्बेश यह रकम अपने पिता से मांग रहा था, लेकिन पिता ने रुपए देने से इनकार कर दिया। यही विवाद दंपती की हत्या का कारण बन गया। अम्बेश के चाचा संदीप कुमार ने बताया कि वह हमेशा पैसों को लेकर विवाद करता था। जब-जब उसे पैसों की जरूरत पड़ती थी, वह कोलकाता से गांव आता और माता-पिता से रुपये लेकर चला जाता था। पिता के पैसों से खरीदी कार, उसी से शव नदी में फेंके
तीन साल पहले अम्बेश कुमार ने पिता के पैसों से एक स्विफ्ट डिजायर कार खरीदी थी, जिसमें वह पूरे परिवार के साथ चलता था। उसी कार में उसने माता-पिता के शव रखकर गोमती नदी में फेंक दिया। पुलिस 15 गोताखोरों की टीम बनाकर सोमवार रात से शव तलाश करा रही है। तीसरे दिन भी शव नहीं मिले। ——————–
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