महोबा महिला चिकित्सालय के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को पिछले 4 महीने से मासिक मानदेय नहीं मिला है। वेतन न मिलने के कारण कर्मचारी गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने अपनी समस्या के समाधान के लिए जिलाधिकारी से गुहार लगाई है। इन कर्मचारियों में वार्ड आया, स्वीपर, सिक्योरिटी गार्ड और कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं। उनकी नियुक्ति जून 2019 में अवनि परिधि कंपनी के माध्यम से हुई थी। शुरुआत में उन्हें नियमित रूप से मानदेय मिलता था, लेकिन अब चार महीने से भुगतान रुका हुआ है। स्वीपर पंकज ने बताया कि वेतन न मिलने के कारण वे अपने बच्चों की स्कूल फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि घर चलाना मुश्किल हो गया है और उन्हें कर्ज लेकर गुजारा करना पड़ रहा है। पंकज ने यह भी बताया कि न्यायालय ने मानदेय बढ़ाने के आदेश दिए थे, लेकिन वेतन ही नहीं दिया जा रहा है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बबली ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि चार माह से वेतन न मिलने के कारण उनका परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उनके पति और बच्चा दोनों बीमार हैं, और वेतन के अभाव में उनका इलाज कराना भी संभव नहीं हो पा रहा है। आउटसोर्सिंग कर्मचारी सुनील, रामेश्वरी, ज्ञानदेवी, धर्मेद्र, सीमा गुप्ता, वंदना और स्नेहा सहित अन्य कर्मचारियों ने जिलाधिकारी से लंबित वेतन का भुगतान कराने की अपील की है। उन्होंने बताया कि वे अपनी समस्या को लेकर कई बार सीएमएस और सीएमओ से मिल चुके हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। कर्मचारियों ने जिलाधिकारी महोबा को लिखित आवेदन सौंपकर तत्काल वेतन भुगतान की मांग की है। उनका कहना है कि वेतन न मिलने से न केवल उनका जीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि उनके परिवार भी गंभीर आर्थिक संकट में फंसे हुए हैं।
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