बिहार विधान परिषद के तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया के दौरान एक आधिकारिक प्रपत्र में छेड़छाड़ का आरोप है। एक वकील की शिकायत के बाद, निर्वाचन आयोग ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक सूची में नए नाम जोड़ने या मौजूदा नामों पर आपत्ति दर्ज कराने की प्रक्रिया से जुड़ा है। इस प्रक्रिया के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से निर्धारित फॉर्म 18 का उपयोग किया जाता है। जिला निर्वाचन कार्यालय में शिकायत दर्ज मुजफ्फरपुर निवासी वकील शरद सिन्हा ने जिला निर्वाचन कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग की ओर से उपलब्ध कराए गए मूल फॉर्म 18 में स्थानीय स्तर पर बदलाव किया गया है, जिससे मतदाताओं को उलझन में डालने का प्रयास हो रहा है। निर्वाचन आयोग ने मामले की संवेदनशीलता और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को देखते हुए शिकायत को गंभीरता से लिया। संबंधित अधिकारियों को तुरंत जांच करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई अधिकारियों ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस घटना से आयोग के आधिकारिक दस्तावेज़ की प्रामाणिकता पर सवाल उठे हैं। आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि पूरी चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी रहे। आयोग ने आश्वस्त किया है कि जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, इस जांच के कारण निर्वाचक सूची में नाम दर्ज करने या आपत्ति दाखिल करने की प्रक्रिया पर कोई आधिकारिक रोक नहीं लगाई गई है। हालांकि, इस घटना से चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है।
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