उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में बुधवार को मौसम के सबसे कड़े तेवर देखने को मिले। सुबह से ही घना कोहरा छाया रहा, जिससे पूरे जनपद में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। दृश्यता घटकर महज 20 मीटर तक रह गई, जिससे आवागमन में भारी परेशानी हुई। न्यूनतम तापमान 8°C दर्ज किया गया। बुधवार की सुबह पीलीभीत के लिए मुश्किलों भरी रही। नेशनल हाईवे से लेकर ग्रामीण सड़कों तक विजिबिलिटी बहुत कम थी। वाहन चालकों को दिन के उजाले में भी अपनी गाड़ियों की हेडलाइट और इंडिकेटर जलाकर धीमी गति से चलना पड़ा। कोहरे की सघनता इतनी अधिक थी कि सामने से आ रहे वाहन बिल्कुल करीब आने पर ही दिखाई दे रहे थे, जिससे दुर्घटनाओं का अंदेशा बढ़ गया। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को पीलीभीत का न्यूनतम तापमान 8°C तक लुढ़क गया, जबकि अधिकतम तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई। सर्द हवाओं के चलने से ‘कोल्ड डे’ जैसी स्थिति बनी रही। आसमान से गिरती ओस की बूंदों ने ठंड को और बढ़ा दिया, जिससे लोग घरों में रहने को मजबूर हुए। ठंड और कोहरे का सबसे ज्यादा असर दैनिक यात्रियों और स्कूली बच्चों पर देखने को मिला। प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर लोग अलाव जलाकर ठंड से बचने की कोशिश करते नजर आए। यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई। कोहरे के कारण लंबी दूरी की बसें और ट्रेनें अपने निर्धारित समय से काफी देरी से चल रही थीं। सुबह के समय बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा और लोग केवल जरूरी काम के लिए ही बाहर निकले। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, यह कोहरा गेहूं की फसल के लिए तो मुफीद है, लेकिन पाला गिरने की स्थिति में सब्जियों को नुकसान हो सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आने वाले अगले 48 घंटों तक कोहरे और ठंड से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। पछुआ हवाओं के सक्रिय होने से कनकनी और बढ़ने की संभावना है।
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