कानपुर देहात में दो बुजुर्ग महिलाओं ने अपनी पुश्तैनी जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया है। उन्होंने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाते हुए चकबंदी अधिकारी और डीडीसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कानपुर शहर के आज़ाद नगर निवासी अरुणा देवी और रेखा सेंगर अपने परिजनों और अधिवक्ता के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचीं। उन्होंने बताया कि मैथा तहसील क्षेत्र के बारा खेड़ा गांव में स्थित उनकी पुश्तैनी जमीन का मामला वर्ष 1976 में चकबंदी कार्यालय में चला था। 7 जनवरी 1976 को चकबंदी अधिकारी ने आदेश पारित कर जमीन उनके पक्ष में दी थी। महिलाओं का आरोप है कि अब उसी प्रकरण में चकबंदी अधिकारी ने अपने पुराने आदेश के विपरीत नया आदेश पारित कर दिया है, जिससे दबंगों को फायदा पहुंचाया गया। इसके अतिरिक्त, डीडीसी द्वारा की गई सुनवाई में भी पीड़ित पक्ष को सुने बिना एकतरफा फैसला देने का आरोप लगाया गया है। पीड़ित महिलाओं के अधिवक्ता क्षितिज सेंगर ने इस पर सवाल उठाया कि क्या कोई अधिकारी अपने ही पूर्व में दिए गए आदेश को पलट सकता है। उन्होंने इसे न्यायिक प्रक्रिया और नियमों का खुला उल्लंघन बताते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। पीड़ित महिलाओं ने चेतावनी दी है कि यदि दो दिन के भीतर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे आत्मदाह जैसा कठोर कदम उठाने पर विचार करेंगी। उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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