8 तस्वीरों में देखें गाजीपुर में पितृ विसर्जन अमावस्या स्नान:गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़, श्रद्धालुओं ने किया पिंडदान और तर्पण, पूर्वजों को दी श्रद्धांजलि
गाजीपुर में आज पितृ विसर्जन अमावस्या पर सभी गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। प्राचीन पोस्ता घाट पर सूर्योदय के साथ ही लोगों ने अपने पितरों को तर्पण करना शुरू कर दिया। गंगा घाट के पुजारी कन्हैया पांडे ने बताया कि सनातन धर्म में पांच प्रमुख ऋण माने गए हैं। ये हैं – देवऋण, ऋषिऋण, पितृऋण, मातृऋण और मानवऋण। इन ऋणों से मुक्ति के लिए नियमित रूप से धार्मिक अनुष्ठान करना आवश्यक है। 8 तस्वीरें देखें… आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या तक पूर्वजों की आत्मशांति के लिए श्राद्ध की परंपरा है। विभिन्न क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने मुंडन के बाद ब्राह्मणों की देखरेख में पिंडदान और तर्पण किया। मंदिर के पुजारी के अनुसार, पितृ पक्ष के 15 दिनों में लोग अपनी तिथि के अनुसार पितरों का श्राद्ध करते हैं। कई श्रद्धालु बिहार के गया में पितरों को पिंड दान करते हैं। वाराणसी में त्रिपिंडी का कार्यक्रम भी इसी दौरान होता है। मान्यता है कि श्राद्ध से प्रसन्न होकर पितृगण सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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