राज्यसभा सांसद और अखिल भारतीय अल्पसंख्यक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने संसद में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान अपनी बात रखी। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में सरकारी मशीनरी के कथित दुरुपयोग और चुनाव आयोग की भूमिका पर चिंता व्यक्त की। प्रतापगढ़ी ने कई घटनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने बिहार चुनाव के दौरान महिलाओं के खातों में सरकार द्वारा 10-10 हजार रुपये भेजने पर चुनाव आयोग की चुप्पी पर सवाल उठाया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में मुस्लिम महिलाओं को वोट डालने से रोकने के लिए पुलिस की कार्रवाई का भी जिक्र किया। सांसद ने 40 से अधिक बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की आत्महत्या या अनुचित दबाव के कारण हुई मौतों में सरकार की भूमिका पर भी चिंता जताई। उन्होंने विपक्ष के विधायक-सांसदों को ‘साम, दाम, दंड, भेद’ का उपयोग करके तोड़ने के प्रयासों का आरोप लगाया। उनके वक्तव्य के दौरान सत्ता पक्ष के सांसदों ने बाधा डालने का प्रयास किया। इस पर प्रतापगढ़ी ने कहा कि चुनाव आयोग ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली है और सरकार विपक्ष की आवाज दबा रही है।यह जानकारी जिला अल्पसंख्यक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दानिश माबूद ने दी।
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