DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

केदारनाथ आपदा के बोल्डर अब बनेंगे आस्था की पहचान:उकेरी जा रहीं शिव की तस्वीरें, 2026 में पूरा होगा प्रोजेक्ट

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ में 2013 की विनाशकारी आपदा के दौरान जो विशाल बोल्डर तबाही की गवाही बने थे, अब वही श्रद्धा और कला का प्रतीक बनने जा रहे हैं। इन प्राकृतिक पत्थरों पर भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों और प्राचीन मंदिरों की आकृतियां उकेरी गई हैं, जो देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए नया आकर्षण होंगी। आपदा के बाद से केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों के दूसरे चरण में इन बोल्डरों को संरक्षित कर धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान देने की दिशा में काम किया गया है। इन पर कुल 31 आकृतियां बनाई गई हैं, जिनमें शिव के विविध रूप और प्राचीन शिवालयों की झलक देखने को मिलेगी। इसी कड़ी में मंदिर के पीछे बड़े स्तर पर शिव उद्यान और अन्य विकास कार्य भी किए जा रहे हैं, जिससे केदारनाथ धाम का स्वरूप केवल तीर्थ ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक अनुभव केंद्र के रूप में विकसित हो सके। आपदा के बोल्डर अब शिव कला के प्रतीक आपदा में बहकर आए बोल्डरों को हटाने के बजाय अब उन्हें कलात्मक और आध्यात्मिक पहचान दी जा रही है। इन पत्थरों पर भगवान शिव के नटराज, ध्यानस्थ शिव, अर्धनारीश्वर जैसे स्वरूपों के साथ प्राचीन मंदिरों की 31 आकृतियां उकेरी गई हैं। ये आकृतियां न केवल आपदा की स्मृति को सहेजेंगी, बल्कि यह संदेश भी देंगी कि विनाश के बाद भी सृजन संभव है। श्रद्धालु अब इन बोल्डरों को देखकर केदारनाथ के संघर्ष और पुनर्जन्म की कहानी को करीब से महसूस कर सकेंगे। मंदिर के पीछे 5600 वर्ग मीटर में बन रहा शिव उद्यान केदारनाथ मंदिर के पीछे करीब 5600 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में शिव उद्यान विकसित किया जा रहा है। यह उद्यान समुद्र तल से 11,750 फीट की ऊंचाई पर स्थित होगा। इसमें द्वादश ज्योतिर्लिंग, प्राचीन शिवालयों और भगवान शिव के विभिन्न रूपों से जुड़ी संरचनाएं स्थापित की जाएंगी। उद्यान में मध्य हिमालय के बुग्यालों में पाई जाने वाली घास, ब्रह्मकमल, भृंगराज और अन्य दुर्लभ औषधीय प्रजातियों को भी विकसित किया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों द्वारा शोध कार्य किया जा रहा है और अलग-अलग स्थानों पर विशेष वाटिकाएं बनाई जाएंगी। योग, ध्यान और पैदल पथ से मिलेगा आध्यात्मिक अनुभव पूरे शिव उद्यान क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए पगडंडियां बनाई गई हैं, जो एक-दूसरे से जुड़ी होंगी। इन रास्तों पर चलते हुए श्रद्धालु प्रकृति के बीच समय बिता सकेंगे। इसके साथ ही योग और ध्यान के लिए भी विशेष स्थान विकसित किए जा रहे हैं, ताकि यात्रा की थकान के बीच भक्त शांति का अनुभव कर सकें। शीतकाल में भारी बर्फबारी से उद्यान और पौधों को नुकसान न हो, इसके लिए विशेषज्ञों की सलाह से विशेष सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे। ओपन थियेटर और सांस्कृतिक गतिविधियों की तैयारी वीआईपी हेलिपैड से मंदिर मार्ग पर बीकेटीसी के इग्लू हट्स के पीछे खाली स्थान को भरकर ओपन थियेटर का निर्माण भी प्रस्तावित है। यहां एक अलग मंच तैयार किया जाएगा, जहां यात्रा काल के दौरान सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकेंगे। रुद्रप्रयाग जिले के मुख्य विकास अधिकारी आरएस रावत के अनुसार, शिव उद्यान और इससे जुड़े विकास कार्य केदारनाथ यात्रा को नया आयाम देंगे। लक्ष्य है कि अगले वर्ष तक यह पूरा प्रोजेक्ट तैयार हो जाए।


https://ift.tt/aE9yD4G

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *