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70 दिन डिजिटल अरेस्ट रहने वाले इंजीनियर की कहानी:बोले- ठग दिनभर टॉर्चर करते, कहते घर से बाहर निकले तो मार दिए जाओगे

3 अक्टूबर …दिन शुक्रवार…। सुबह के 9 बजकर 59 मिनट हो रहे थे। कानपुर के रहने वाले रिटायर्ड इंजीनियर रमेश चंद्र एक प्राइवेट हॉस्पिटल में पत्नी नीलम का डायलिसिस करा रहा रहे थे। तभी उनके फोन पर कॉल आई। उन्होंने कॉल उठाई तो दूसरी तरफ युवक था। उसने अपना नाम गौरव बताया। कहा- मेरे नाम से सिम निकालकर महाराष्ट्र की एक लड़की को परेशान किया गया। उसने सुसाइड कर लिया है। कोलाबा पुलिस स्टेशन मुंबई से कॉल आ रही है। उसे उठाओ। तुम्हारे खिलाफ केस दर्ज हो गया है। फिर फोन कट गया। 30 सेकेंड बाद दूसरे नंबर से कॉल आई। उसने कहा- मैं कोलाबा पुलिस स्टेशन से उमेश मछिन्दर बोल रहा हूं। आप अपनी पूरी डिटेल भेज दें। फिर उसने वीडियो कॉल कर दी। कहा- तुम्हारे खिलाफ मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज है। तुम्हें जेल भेजा जाएगा। पत्नी और बच्चे घर में नजरबंद रहेंगे। बचना चाहते हो तो जैसा हम लोग कहें, वैसा करो। रमेश चंद्र इस फोन कॉल से डिजिटल अरेस्ट हो चुके थे। 70 दिन तक वह एक कमरे में डिजिटल अरेस्ट रहे। ठग कहते बाहर निकले तो मार दिए जाओगे। अब उनके खाते में मात्र 11 हजार रुपए बचे हैं। ठगी का अहसास होने पर इंजीनियर ने 15 दिसंबर को केस दर्ज कराया। वह कैसे ठगी का शिकार हुए? पत्नी की डायलिसिस कैसे हुई? 70 दिन उनके कैसे बीते? यह सब उन्होंने दैनिक भास्कर के साथ शेयर किया। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले पढ़िए कैसे हुए डिजिटल अरेस्ट ठग बोला- मुंबई में मेरे खिलाफ केस दर्ज हो गया है
रानीघाट थाना क्षेत्र के कोहना के उपवन सोसायटी निवासी रमेश चंद्र केस्को से सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के पद से रिटायर्ड हैं। वह अपनी पत्नी के साथ रहते हैं। जबकि उनके बच्चे अमेरिका व नोएडा में नौकरी करते हैं। उन्होंने बताया कि मैं 3 अक्टूबर को मल्टी स्पेशियलिटी गुर्जर हस्पिटल, लाजपत नगर में पत्नी की डायलिसिस कराने गया था। मेरे पास एक फोन आया। उसने कहा कि तुम्हारे नाम से सिम ली गई है। उस नंबर से फोन कर महाराष्ट्र की रहने वाली 19 साल की लड़की को टॉर्चर किया। परेशान होकर उसने सुसाइड कर लिया। मैंने कहा- मैं अस्पताल में हूं बाद में बात करूंगा। फिर मैंने फोन काट दिया। एक घंटे बाद फिर मेरे पास दूसरे नंबर से कॉल आई। उसने भी वही बात दोहराई। मैंने कहा- मेरी तबियत ठीक नहीं है। मैंने फोन काट दिया। डयलिसिल कराने के बाद मैं घर पहुंचा। दोपहर डेढ़ बजे तीसरे नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा- मैं गौरव बोल रहा हूं। कोलाबा पुलिस स्टेशन मुम्बई से बात करो। उनकी कॉल उठाओ, तुम्हारे खिलाफ केस दर्ज हो गया है। फोन कटने के 30 सेकेंड बाद कॉल आई। उसने कहा मैं कोलाबा पुलिस स्टेशन से उमेश बोल रहा हूं। तुम पर केस दर्ज हो गया है। अपनी पूरी पर्सनल डिटेल मुझे भेज दो। जैसे ही मैंने डिटेल भेजी, उधर से उमेश ने वीडियो कॉल कर दी। उसके पीछे खड़ा एक युवक चिल्लाया। खुद को CBI अफसर बताने वाले ने कहा- जैसा मैं कहूं वैसा करो तो बच जाओगे
बोला- इसके खिलाफ और केस हैं क्या? उमेश ने बताया कि इनके खिलाफ मनी लॉड्रिंग का केस है। जिसमें जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल ने सुप्रीम कोर्ट के सामने लिखित देकर कहा है कि रमेश ने 538 करोड़ का 10 प्रतिशत लेकर अपना खाता नंबर, चेक बुक और एटीएम प्रयोग करने को दी थी। इसके बाद फोन कट गया। दोपहर करीब 02:42 बजे एक और कॉल आई। उसने कहा मैं एस के जैसवाल हूं और CBI अफसर हूं। उसने मुझसे कहा कि आपको मुंबई जेल लाया जाएगा। आपके दोनों बच्चों और पत्नी को आपके घर में ही नजरबंद किया जाएगा। उसने कहा कि आपकी पूरी संपत्ति, बैंक खातों को सीज किया जा रहा है। सभी के नंबर सर्विलांस पर लगे हैं। उसने कहा कि बैंक डिटेल भेजो। मैंने वो भेज दी। अगले दिन 4 अक्टूबर को पीपीएफ खाते में जमा 1531781 रुपए अलीगढ़ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से एसबीआई के कानपुर वाले खाते में ट्रांसफर करने को कहा। बोला- शेयर को सेल करो। म्यूचुअल फंड को ​​​​​​​रिडीम कराकर अपने खाते में क्रेडिट कराओ। इस संपत्ति की जांच सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया की देखरेख में रिजर्व बैंक आफ इंडिया करेगा। मैंने 9 अक्टूबर को यह सब करवा दिया। इसी दिन से मुझे और मेरी पत्नी को 24 घंटे निगरानी में रखने लगे। ठगों ने 53 लाख रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करा लिए
एक भी पल वीडियो कॉल नहीं कटने दी। 24 घंटे मोबाइल चार्जिंग में लगा रहता था। किसी से बात नहीं करने देते थे। मुझसे कहा कि जेल जाने से बचना चाहते हो तो मेरे बताए गए खाते में 20 लाख रुपए डाल दीजिए। मैंने आरटीजीएस कर दिए। फिर पीएफ और म्यूचुअल फंड के पैसे भी ट्रांसफर करा लिए। 21 नवंबर को एसके जैसवाल ने फर्जी सुप्रीम कोर्ट के के जज से 2 मिनट तक बात कराई। फर्जी जज ने कहा आपका पैसा 48 से 72 घंटे में वापस आ जाएगा। आपको बेल सिक्योरिटी बॉड के 10 लाख जमा करने होंगे। 11 दिसंबर को मैंने ये रुपए उनके बताए खाते में ट्रांसफर कर दिए। ​ठगों ने 53 लाख रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करा लिए। रमेश ने बताया कि उन्होंने 9 अक्टूबर को एसबीआई की मेनब्रांच से 2 लाख रुपए थानवी इलेक्ट्रिकल एंड मैकेनिकल के बैंक ऑफ बड़ौदा के केटी ब्रांच तिरुपति में ट्रांसफर किए। 20 नवंबर को म्युचुअल फंड का पैसा रिफंड करार कर 23 लाख रुपए कर्री जगदीश बाबू के नाम से इंडसइंड बैंक की आंध प्रदेश शााखा में ट्रांसफर किए। इसके बाद पत्नी नीलम के आईसीआईसीआई खाते से 11 दिसंबर को 10 लाख रुपए आकांक्षा कामर्शियल के पारालेखमुंडी ब्रांच में ट्रांसफर किए। अब पढ़िए 70 दिन तक कैसे टॉर्चर किया पहले दिन खाना नहीं खाने दिया, 5 दिन नौकरानी को नहीं आने दिया
रमेश ने बताया कि पहले दिन ठगों ने 6 घंटे टॉर्चर किया। मुझसे कहा कि तुम और तुम्हारी पत्नी खुद को एक कमरे में बंद कर लो। कुर्सी पर फोन रखवा दिया और मैं सामने बेड पर बैठ गया। ठग वीडियो कॉल पर पूछताछ करते रहे। मैंने कहा- भूख लगी है खाना खा लूं। ठग बोला- जेल जाना है तो खा लो जाकर। फिर मैं डर गया और वहीं बेड पर बैठा रहा। पानी तक नहीं पीया। फ्लैट में 5 दिनों तक नौकरानी को नहीं आने दिया। दीपावली पर बेटा घर आया, तो ठग नाराज हो गए। बोले- बेटा घर नहीं आएगा। उसे वापस भेजो। मैंने हाथ जोड़क मिन्नतें कीं। एसके जैसवाल बोला- कि बेटे को कुछ नहीं बताओगे। बताया तो सभी को जेल भेज दूंगा। दूसरे कमरे में नहीं जाने दिया। कमरे में लगे टीवी नहीं चलाने दी। वॉशरूम जाने और खाना बनाने के लिए इजाजत लेनी पड़ती थी। अगर बाथरूम में 20- मिनट से अधिक से समय हो जाता तो पत्नी को डराने लगते। कॉल पर धमकाते थे। एक दिन पत्नी घर में मोबाइल छोड़ कर चुपचाप घर से निकल गई। वापस आने पर एसके जैसवाल ने डांटा। कहा कि आप बाहर क्यों गई थी? हमारे आदमी आप पर पूरी निगरानी कर रहे हैं। बताया कि इन 70 दिनों में जेल भेजने और बेटों के करियर बर्बाद करने की धमकी देते रहे। शादी पार्टी में भी वीडियो कॉल से करते थे निगरानी
नीलम ने बताया कि हम जब बैंक से पैसे निकालने जाते थे तो साइबर ठग एक मोबाइल से वीडियो कॉल के जरिए निगरानी करते थे। वहीं दूसरे मोबाइल पर वाट्सएप चैट करते रहते थे। बाहर जाने पर उन्हें बताना पड़ता था, कि हम दोनों ने किस रंग के कपड़े पहने हुए हैं। किस आदमी से मिलने जा रहे हैं। कहा कि यूएस में रहने वाले एक क्लासमेट की बेटी में शादी में जाने के लिए हमे ठगों से इजाजत लेनी पड़ी। शादी समारोह में भी हम दोनों लोग वीडियो कॉल के जरिए उनकी निगरानी में ही रहे थे। रमेश बोले- अब मेरे पास महज 11 हजार रुपए
रमेश ने कहा कि मैंने जिंदगी में एक रुपए भी रिश्वत के नहीं लिए। मेरी मेहनत की कमाई वो लोग ले गए। बताते-बताते वह रोने लगे। रमेश के हाथों में बैंडेज लगे हुए थे। जिन्हें दिखाते हुए बोले- मेरे खाते में सिर्फ 14 हजार रुपए ही बचे हैं। इसमें भी 3 हजार रुपए डायलिसिस में लग गए। बताया कि 70 दिनों तक हम किसी को कुछ इसलिए नहीं बता सके, क्योंकि ठगों ने कहा था कि तुम्हारे दोनों बेटों की निगरानी के लिए अल्फा टीम लगी है। अगर कुछ भी बताया कि बेटों की जिंदगी बर्बाद कर देंगे। बेटे को अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया जाएगा। उन्होंने हमे धमकाया कि नरेश गोयल के बारे में पूछताछ के लिए हमने एक दंपती को बुलाया था। जिसे नरेश के लोगों ने मार डाला था। पूछताछ पूरी होने तक तुम लोग घर से बाहर नहीं निकलोगे। पत्नी बोली- आज तक खुद का घर नहीं खरीद पाए
नीलम ने बताया कि मेरी दोनो किडनियां खराब हैं। सप्ताह में 2 बार डायलिसिस होता है। अब तो इलाज के भी पैसे नहीं हैं। देखते हैं कितने दिनों तक डायलिसिस हो पाती है। कहा कि आज तक हम खुद का मकान नहीं खरीद पाए। हमने सोचा था कि बेटे पढ़ लिख जाएं, फिर मकान खरीदेंगे, लेकिन बदमाश मेरे पति की जीवन भर की कमाई खा गए। यह कहते हुए नीलम के आंखों से आंसू बहने लगे। रमेश ने उन्हें संभाला। बताया कि मेरा बड़ा बेटा अमेरिका से एमबीए कर रहा है। जबकि छोटा बेटा नोएडा से बीटेक कर रहा है। बड़े बेटे को हर महीने करीब 1500 डॉलर और छोटे को 15 हजार रुपए भेजती हूं।


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