नालंदा के 132 व 33 केवी ग्रिड उपकेंद्र में शीतकालीन मरम्मत और रखरखाव काम के कारण आने वाले तीन दिनों तक बिजली आपूर्ति में व्यापक व्यवधान की स्थिति बनी रहेगी। 17 से 19 दिसंबर तक चलने वाले इस अनिवार्य रखरखाव काम के दौरान उपकेंद्र से संचालित छह प्रमुख फीडरों से जुड़े क्षेत्रों में रोजाना चार से पांच घंटे तक बिजली की आपूर्ति ठप रहेगी। विद्युत संचरण प्रमंडल के सहायक कार्यपालक अभियंता राहुल कुमार ने इस संबंध में जानकारी दी है। इन्होंने बताया है कि नियमित शीतकालीन रखरखाव काम 17 दिसंबर को प्रारंभ होकर 19 दिसंबर तक चलेगा। पहले दिन यानी 17 दिसंबर को सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक पूरी तरह से बिजली आपूर्ति बाधित रहेगी, जबकि 18 और 19 दिसंबर को सीमित विद्युत आपूर्ति के कारण रोटेशन व्यवस्था लागू की जाएगी। किन फीडरों पर पड़ेगा प्रभाव ग्रिड उपकेंद्र से संचालित 33 केवी की छह प्रमुख फीडर लाइनों पर इस मरम्मत काम का सीधा असर पड़ेगा। इनमें नालंदा फीडर, रैतर फीडर, सैदपुर फीडर, बेन फीडर, मेघी नगवां फीडर तथा पटेल एग्रो राइस मिल फीडर शामिल हैं। इन फीडरों के माध्यम से आपूर्ति हासिल करने वाले दर्जनभर गांवों और कस्बों में बिजली नहीं रहेगी। प्रभावित क्षेत्रों में जुआफर, नीरपुर, जगदीशपुर, नानंद, सब्बैत, सैदपुर, बेन, रैतर, मेघी नगवा, नालंदा समेत आसपास के अन्य इलाके शामिल हैं। इन क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं के साथ-साथ व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और कृषि क्षेत्र में भी बिजली आपूर्ति बाधित रहेगी। रोटेशन के आधार पर होगी कटौती राहुल कुमार ने बताया कि 18 और 19 दिसंबर को स्थिति कुछ अलग रहेगी। इन दोनों दिनों में सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक मात्र 16 मेगावाट विद्युत आपूर्ति उपलब्ध रहने के कारण सभी फीडरों को एक साथ संचालित करना संभव नहीं होगा। ऐसी स्थिति में रोटेशन के आधार पर विभिन्न फीडरों में बिजली की कटौती की व्यवस्था की गई है, जिससे सभी क्षेत्रों को बारी-बारी से कुछ घंटों के लिए बिजली उपलब्ध हो सके। यह व्यवस्था इसलिए अपनाई जा रही है ताकि सीमित विद्युत आपूर्ति का अधिकतम उपयोग किया जा सके और किसी भी एक क्षेत्र पर पूरे दिन का बोझ न पड़े।
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