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गोरखपुर में बैंक कर्मी से 16.18 लाख का साइबर फ्रॉड:लड़की ने लालच देकर निवेश कराया, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और हरिद्वार में निकाले पैसे

गोरखपुर के कोतवाली इलाके में रहने वाले बैंककर्मी के साथ 16.28 लाख की साइबर जालसाजी का मामला सामने आया है। ऑनलाइन ट्रेडिंग और निवेश में भारी मुनाफे का लालच देकर साइबर जालसाजों ने ठगी की घटना को अंजाम दिया है। इसके बाद सात बार में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तराखंड के हरिद्वार से जालसाजी की रकम निकाली गई है। आर्यनगर के अमर सिंह पब्लिक स्कूल के पास रहने वाले अमन पांडेय (24) की शिकायत पर कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। कोतवाली पुलिस ने साइबर सेल की मदद से जालसाजी की 7.18 लाख रुपये बैंक में होल्ड भी करा दिया है। मंगलवार को पुलिस ने बैंक खातों को डिटेल निकलवाया है। जिसके आधार पर जालसाजों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। अमन पांडेय मऊ जिले में स्थित एक्सिस बैंक में काम करते हैं। अब जानें पूरा मामला
कोतवाली थाना क्षेत्र के आर्य नगर उत्तरी, अमर सिंह पब्लिक स्कूल के पास रहने वाले अमन पांडेय ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 17 अक्तूबर को उन्हें व्हाट्सएप पर “93 डीबीएस एनेलिस्ट फोरम” नामक एक ग्रुप में जोड़ा गया। इस ग्रुप में रोजाना ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट से जुड़े टिप्स दिए जाते थे। ग्रुप में रजत वर्मा और मीना भट्ट नामक लोग निवेश की सलाह देते थे। कुछ समय बाद नीना थक्कर नाम की महिला ने निजी संदेश भेजकर निवेश से होने वाले मुनाफे के स्क्रीनशॉट दिखाए और उन्हें निवेश के लिए प्रेरित किया। पीड़ित के अनुसार, तीन नवंबर को उन्होंने निवेश के लिए आवेदन किया, जिसे पांच नवंबर को स्वीकृत कर लिया गया। इसके बाद अलग-अलग बैंक खातों में रकम जमा कराई गई। शुरुआत में पहले 25 हजार निवेश किया। अच्छा मुनाफा हुआ। इसके बाद 50 हजार रुपये लगाए, फिर अच्छा मुनाफा हुआ। जिससे भरोसा बढ़ गया। ठगों ने पहले स्टॉक, फिर आईपीओ और ओटीसी स्टॉक में निवेश कराया और खाते में लाखों रुपये का मुनाफा दिखाया गया। दोस्तों से उधार ली रकम अमन पांडेय का आरोप है कि बाद में उन्हें जबरन अधिक राशि के आईपीओ अलॉटमेंट में फंसा दिया गया और कहा गया कि यदि पूरी रकम जमा नहीं की गई तो अब तक का सारा पैसा होल्ड हो जाएगा। डर के कारण उन्होंने लोन और दोस्तों से उधार लेकर अलग-अलग खातों में लाखों रुपये ट्रांसफर किए। उनके खाते में बैलेंस 40 लाख रुपये से अधिक दिखाया गया लेकिन जब उन्होंने रकम निकालने की कोशिश की तो बार-बार निकासी असफल होती रही। आखिरकार एक दिसंबर को उनसे 14 लाख रुपये की ‘सर्विस फीस’ मांगी गई, जिस पर उन्हें ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद दो दिसंबर को उन्होंने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। अंजान व्यक्ति न करें पैसे का लेनदेन इस संबंध में कोतवाली थाना प्रभारी छत्रपाल सिंह ने बताया कि मामला संगठित साइबर ठगी से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर जांच की जा रही है। 7.18 लाख रुपये बैंक में होल्ड करा दिए गए हैं। लोगों से अपील है कि वे ऑनलाइन निवेश के नाम पर आने वाले अनजान कॉल, मैसेज और ग्रुप से सावधान रहें और बिना सत्यापन किसी भी लिंक या खाते में धनराशि न भेजें।


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