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विराट-अनुष्का इस साल तीसरी बार संत प्रेमानंद से मिले:एक्ट्रेस बोलीं- हम आपके, आप हमारे; महाराज जी ने कहा- मस्त रहिए

क्रिकेटर विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ मंगलवार को वृंदावन पहुंचे। दोनों ने केली कुंज आश्रम में प्रेमानंद महाराज के दर्शन किए। दोनों की इस साल प्रेमानंद जी से यह तीसरी मुलाकात है। दोनों घुटनों के बल महाराज जी के सामने बैठे और सिर झुकाकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान विराट-अनुष्का हाथ जोड़कर महाराज जी की बातें सुनते रहे। माथे पर तिलक और गले में तुलसी की माला पहने विराट सिर हिला-हिलाकर महाराज जी की बातें सुनते रहे, मुस्कुराते रहे। अनुष्का ने कहा- महाराज जी हम आपके हैं और आप हमारे। इस पर प्रेमानंद जी ने हंसते हुए कहा- हम सब श्रीजी के हैं। खूब आनंद पूर्वक रहो। मस्त रहो। भगवान के आश्रित रहो। प्रेमानंद जी ने कहा- अपने काम को भगवान की सेवा समझिए। गंभीर भाव से रहिए। विनम्र रहिए। जिंदगी को उन्नतिशील बनाना है। जब तक भगवान न मिल जाएं, हमारी यात्रा रुकनी नहीं है। हम लौकिक-पारलौकिक सब क्षेत्रों को पार करते हैं। एक बार ठाकुरजी को भी देखें, जिसके हम असली में हैं। उन्होंने आगे कहा- एक बार जी भरकर उसे देख लें। अनंत जन्म व्यतीत हो गए। इसी माया में भ्रमित होते हुए, न जाने किस-किस को अपना बनाया। सब छूटते गए। एक बार जो अपना है, उसको तो देख लें। जो अपना असली पिता है, जिसने मुझे प्रकट किया, जिसने मुझे बनाया, एक बाद उसको तो देखें। एक बार उन्हें देखने की लालसा होनी चाहिए। महाराज बोले- हम सब श्रीजी के हैं
प्रेमानंद जी ने कहा- हम सब श्रीजी के हैं। हम एक छत्र के नीचे हैं। जिसका ये नीला छत्र है न आकाश, हम सब उसी के बच्चे हैं। हां, आगे का मार्ग आप नहीं जानते, तो हम आपका हाथ पकड़ लिए। हमारा हाथ कोई और पकड़े है, उसका हाथ कोई और पकड़े है और उसका हाथ हमारे इष्ट ने पकड़ रखा है। ऐसे हम क्रम से जा रहे हैं- इष्ट, आचार्य, गुरुदेव। उन्हीं के बल से हम जा रहे हैं। हम लाइन में ही हैं, अंत में हम वहीं पहुंच जाएंगे। हमें भगवान के सन्मुख रहना है: महाराज जी
प्रेमानंद महाराज जी ने रामायण का उदाहरण देते हुए कहा- रावण के पास सब कुछ था, लेकिन विवेक नहीं था। भगवान से विमुख होने के कारण उसका पतन हुआ। इससे सीख लेकर हमें भगवान के सन्मुख रहना चाहिए। महाराज जी ने बताया कि हम सब गुरु, आचार्य और इष्ट के सहारे आगे बढ़ते हैं। यह परंपरा हाथ पकड़कर मंजिल तक पहुंचाने वाली है। ‘जो भगवान का चिंतन करता है, उसकी जिम्मेदारी भगवान की होती है’
भगवद्गीता का उदाहरण हुए महाराज जी ने कहा- जो भगवान का अनन्य चिंतन करता है, उसके योग (अप्राप्त की प्राप्ति) और क्षेम (प्राप्त की रक्षा) की जिम्मेदारी स्वयं भगवान लेते हैं। गृहस्थ हो या विरक्त, भगवान सबकी व्यवस्था करते हैं। जब तक हम अहंकार से ‘मैं कर रहा हूं’ की भावना रखते हैं, तब तक सीमित ही मिलता है। भगवान के आश्रय में आने पर व्यवस्था अपने आप होती है। भक्ति में विश्वास जरूरी
उन्होंने प्रह्लाद और अर्जुन का उदाहरण देते हुए कहा कि सच्चे भक्त की रक्षा भगवान स्वयं करते हैं। विश्वास के बिना भक्ति नहीं और भक्ति के बिना सद्गति नहीं। महाराज जी ने समझाया कि भगवान को नौकर न समझें या तो कठोर तपस्या करें या भगवान के अपने बनें। अपनापन होगा तो आवश्यकता की पूर्ति स्वयं होगी। क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा के बाद संत प्रेमानंद महाराज से मिले थे
विराट ने 7 महीने पहले टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी। घोषणा करने के अगले दिन अनुष्का के साथ प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे थे। विराट और अनुष्का ने वृंदावन के केली कुंज आश्रम में 15 मिनट तक प्रेमानंद महाराज से बात की थी। आश्रम में करीब ढाई घंटे रहे थे। प्रेमानंद महाराज से अनुष्का-विराट कब-कब मिले, और क्या बातें हुईं…. 14 मई, 2025: विराट-अनुष्का 2 घंटे 20 मिनट आश्रम में रहे
विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अनुष्का के साथ प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे थे। दोनों ने दंडवत प्रणाम कर आशीर्वाद लिया। प्रेमानंद महाराज ने विराट और अनुष्का से पूछा- प्रसन्न हो? इस पर विराट ने मुस्कुराकर कहा- हां। महाराज ने दोनों को आशीर्वाद दिया- जाओ, खूब आनंदित रहो, नाम जप करते रहो। इस पर अनुष्का ने पूछा- बाबा क्या नाम जप से सबकुछ पूरा हो जाएगा? महाराज ने कहा- हां, सब पूरा होगा। प्रेमानंद महाराज ने कहा- वैभव मिलना कृपा नहीं है। यह पुण्य है। भगवान की कृपा अंदर का चिंतन बदलना है। इससे आपके अनंत जन्मों के संस्कार भस्म होते हैं और अगला जन्म बड़ा उत्तम होता है। भगवान जब कृपा करते हैं तो संत समागम देते हैं। दूसरी कृपा जब होती है तो विपरीतता देते हैं और फिर अंदर से एक रास्ता देते हैं। यह शांति का रास्ता नहीं। भगवान वो रास्ता देते हैं और जीव को अपने पास बुला लेते हैं। बिना प्रतिकूलता के संसार का राग नष्ट नहीं होता। अनुष्का-विराट करीब 2 घंटे 20 मिनट आश्रम में रहे थे। 10 जनवरी, 2025: प्रेमानंद महाराज ने कहा था- अभ्यास जारी रखें, जीत निश्चित विराट कोहली, पत्नी अनुष्का शर्मा और दोनों बच्चों के साथ प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे। अनुष्का ने प्रेमानंद महाराज से भक्ति के लिए आशीर्वाद मांगा। बातचीत के दौरान विराट ने पूछा, ‘असफलता से कैसे निकलें। महाराज ने जवाब में कहा, ‘अभ्यास जारी रखें, जीत निश्चित है। अपने अभ्यास को निरंतर और नियंत्रण में रखते हुए आगे बढ़ें। जैसे मेरे लिए नाम जप एक साधना है, वैसे ही विराट के लिए क्रिकेट ही साधना है। बस बीच-बीच में भगवान का नाम लेते रहें।’ उन्होंने कहा, ‘विजय के लिए दो चीजों की आवश्यकता होती है। एक अभ्यास और दूसरा प्रारब्ध। यदि प्रारब्ध नहीं है, सिर्फ अभ्यास है, तब जीत मुश्किल हो जाती है। इसके लिए प्रभु के ज्ञान के साथ-साथ उनका नाम जपना आवश्यक है।’ अनुष्का ने पूछा- पिछली बार जब हम आए थे तो मन में कुछ सवाल थे, लेकिन मैं पूछ नहीं पाई। मैं आपसे मन ही मन बात कर रही थी। मेरे मन में जो सवाल थे, उसे कोई न कोई पूछ लेता था। प्रेमानंद महाराज बोले- श्रीजी वो व्यवस्था कर देती हैं। सबसे बड़ी बात, हम साधना देकर लोगों को प्रसन्नता दे रहे हैं। और ये पूरे भारत को प्रसन्नता एक खेल में देते हैं। अगर ये विजयी हुए तो हमारे पूरे भारत में पटाखे छूटते हैं। पूरे भारत में आनंद मनाया जाता है। क्या ये इनकी साधना नहीं है? ये भी तो उनकी साधना है। इनके साथ पूरा भारत जुड़ा हुआ है। अगर ये विजयी हुए तो बच्चा-बच्चा आनंदित हो जाता है, तो ये भी एक साधना है। विराट ने पूछा- असफलता में हमें कैसे रहना है?
महाराज बोले- उस समय हमको भगवान का चिंतन करते हुए धैर्य रखना है। ये बड़ा कठिन है। असफलता में कोई धैर्यपूर्वक मुस्कुरा के निकल जाए, ये बहुत बड़ी बात होती है। असफलता हमेशा नहीं रहेगी। दिन है तो रात आएगी, रात है तो दिन आएगा। हमको धैर्यपूर्वक भगवान का स्मरण करना चाहिए। पर यह बहुत कठिन है, क्योंकि जो सम्मान सफलता में मिलता है वो असफलता में नहीं मिलता। ———————– ये खबर भी पढ़ें रामविलास वेदांती ने कहा था- मैंने बाबरी मस्जिद तुड़वाई:राम मंदिर की भविष्यवाणी सच हुई; VIDEO में अयोध्या के संत के बड़े बयान अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के सक्रिय सदस्य रहे पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने जिस रीवा से जीवन की शुरुआत की थी, वहीं अपने प्राण त्यागे। डॉ. वेदांती भाजपा के फायरब्रांड नेता थे। वे सीना ठोंककर कहते थे- हां मैंने बाबरी मस्जिद तुड़वाई थी। देखें वीडियो….


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