मुख्तार अहमद अंसारी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने मुख्तार अंसारी के करीबी शादाब अहमद के खिलाफ प्रॉसीक्यूशन कंप्लेंट यानी चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में शादाब अहमद के साथ-साथ उसकी दो कंपनियों आगाज प्रोजेक्ट एंड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और इनिजियो नेटवर्क सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है। ईडी की इस कार्रवाई से मुख्तार अंसारी से जुड़े आर्थिक नेटवर्क पर शिकंजा और कस गया है। इस मामले में मुख्तार समेत अन्य के खिलाफ पहले ही चार्जशीट लगाई जा चुकी है। विशेष पीएमएलए कोर्ट में दाखिल हुई चार्जशीट ईडी की ओर से यह प्रॉसीक्यूशन कंप्लेंट विशेष न्यायालय पीएमएलए में दाखिल की गई है। जांच एजेंसी का कहना है कि शादाब अहमद ने मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध किए हैं। अदालत द्वारा चार्जशीट का संज्ञान लिए जाने के बाद आगे की न्यायिक प्रक्रिया शुरू होगी। मनी लांड्रिंग में अहम भूमिका ईडी की जांच में सामने आया है कि शादाब अहमद ने मुख्तार अंसारी से जुड़ी फर्म विकास कंस्ट्रक्शन से उत्पन्न अपराध से अर्जित धन को छुपाने और एक कंपनी से दूसरी कंपनी में ट्रांसफर करने में अहम भूमिका निभाई। जांच के मुताबिक अवैध तरीके से कमाए गए धन को वैध दिखाने के लिए कई परतों में लेयरिंग की गई और अलग-अलग कंपनियों के माध्यम से धन का लेनदेन किया गया। दो कंपनियों के जरिए खटाई काली कमाई चार्जशीट में जिन दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया है, उनमें आगाज प्रोजेक्ट एंड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और इनिजियो नेटवर्क सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। ईडी के अनुसार शादाब अहमद इन दोनों कंपनियों का डायरेक्टर था। कंपनियों के बैंक खातों का संचालन भी वही करता था। विकास कंस्ट्रक्शन से निकली अवैध धनराशि को इन कंपनियों के खातों में दिखाकर वैध लेनदेन का रूप दिया गया और बाद में अलग-अलग जगहों पर ट्रांसफर किया गया। चार्जशीट में करोड़ों के अवैध आय का जिक्र ईडी की प्रॉसीक्यूशन कंप्लेंट में करोड़ों रुपये के अपराध से अर्जित धन का उल्लेख किया गया है। जांच एजेंसी के मुताबिक अब तक लगभग 27 करोड़ 72 लाख रुपये की अवैध कमाई की पहचान हो चुकी है। इसी अवैध धन से शादाब अहमद और उससे जुड़ी कंपनियों ने संपत्तियां खड़ी कीं और निवेश किया। पहले ही कुर्क हो चुकी हैं करोड़ों की संपत्तियां इस मामले में ईडी पहले ही कई बार कुर्की की कार्रवाई कर चुकी है। शादाब अहमद और उससे जुड़े लोगों की 2 करोड़ 03 लाख रुपये की संपत्तियां हाल ही में अटैच की गई थीं। अब तक इस केस में कुल 8 करोड़ 43 लाख रुपये की संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं। 2022 से फरार रहने के बाद हुई थी गिरफ्तारी ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि शादाब अहमद वर्ष 2022 से फरार चल रहा था। अक्टूबर 2025 में शारजाह से भारत लौटते समय लखनऊ एयरपोर्ट पर उसे हिरासत में लिया गया था। गैर जमानती वारंट के आधार पर उसे जेल भेजा गया और बाद में ईडी ने उसकी कस्टडी हासिल कर पूछताछ की थी। जांच का दायरा और बढ़ने के संकेत ईडी अधिकारियों का कहना है कि चार्जशीट दाखिल होने के बावजूद मामले की जांच जारी है। मनी लांड्रिंग से जुड़े अन्य लोगों और संस्थाओं की भूमिका की भी जांच की जा रही है। आने वाले समय में इस केस में और बड़े खुलासे और कार्रवाई होने की संभावना जताई जा रही है।
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