बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े एक घटनाक्रम ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस छेड़ दी है। नौकरी के लिए जॉइनिंग लेटर लेने पहुंची एक मुस्लिम महिला के बुर्के या नकाब को कथित तौर पर हटाने की कोशिश का मामला सामने आया है। इस पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मौलाना रजवी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा मुस्लिम महिला के हिजाब या नकाब को हटाने की कोशिश न केवल उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता में हस्तक्षेप है, बल्कि यह मुस्लिम समाज की भावनाओं को आहत करने वाला कदम भी है। उन्होंने इसे “मुस्लिम महिला का अपमान” बताया और मुख्यमंत्री से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की। मौलाना रजवी ने स्पष्ट किया कि हिजाब या नकाब किसी का फैशन नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था और व्यक्तिगत अधिकार से जुड़ा विषय है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को, चाहे वह कितने ही ऊंचे संवैधानिक पद पर क्यों न हो, किसी महिला की धार्मिक पहचान के साथ छेड़छाड़ करने का अधिकार नहीं है। उनके अनुसार, ऐसा आचरण संवैधानिक पद की गरिमा के भी खिलाफ है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय संविधान हर नागरिक को अपनी पसंद के कपड़े पहनने और अपनी जीवनशैली चुनने की स्वतंत्रता देता है। ऐसे में किसी महिला की धार्मिक पहचान को सार्वजनिक मंच पर चुनौती देना या अपमानित करना संविधान की मूल भावना के विपरीत है। मौलाना के मुताबिक, इस घटना से देशभर के मुसलमानों में गहरी नाराजगी है।
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