मुंगेर निवासी अंतरराष्ट्रीय रेत शिल्पकार मधुरेंद्र कुमार ने सोनपुर मेला में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने पौराणिक गज-ग्राह युद्ध और भगवान विष्णु द्वारा ग्राह वध की कथा पर आधारित 50 अद्वितीय रेत प्रतिमाओं का निर्माण किया, जिसके लिए उन्हें एशियन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा आधिकारिक मान्यता प्रदान की गई है। एशियन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के इंटरनेशनल चेयरमैन अविनाश डी. सुकुंदे ने ईमेल के माध्यम से मधुरेंद्र कुमार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मधुरेंद्र की मेहनत, समर्पण और रचनात्मकता ने कला जगत में उत्कृष्टता का नया मानदंड स्थापित किया है। संगठन की ओर से उन्हें उपलब्धि प्रमाण पत्र, पदक और स्मृति चिह्न डाक द्वारा भेजे गए हैं। सुकुंदे ने यह भी बताया कि सोनपुर मेला के लंबे इतिहास में यह पहली बार है जब किसी सैंड आर्टिस्ट को ऐसा अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिला है। इसे बिहार के लिए गौरव का क्षण बताया जा रहा है। 150 टन बालू से बनाई 50 फीट लंबी प्रतिमा इससे पहले, वर्ष 2022 के सोनपुर मेला में भी मधुरेंद्र कुमार ने अपनी कला का प्रदर्शन किया था। उन्होंने 150 टन बालू का उपयोग कर 20 फीट ऊंची और 50 फीट लंबी विशाल रेत प्रतिमा बनाई थी। यह प्रतिमा भी गज-ग्राह युद्ध पर आधारित थी और इसे एशिया की सबसे बड़ी प्रदर्शित रेत कृतियों में से एक माना जाता है। इस पर बिहार सरकार का आधिकारिक लोगो भी अंकित था। मधुरेंद्र कुमार का जन्म 5 सितंबर 1994 को हुआ था। उनकी कला यात्रा बचपन से ही शुरू हो गई थी और महज तीन वर्ष की आयु में ही उनकी प्रतिभा सामने आ गई थी। वर्ष 2005 से वह सोनपुर मेला में सैंड आर्ट के माध्यम से इस कला को नई पहचान दिला रहे हैं। उनकी इस नवीनतम उपलब्धि से न केवल सोनपुर मेला का गौरव बढ़ा है, बल्कि बिहार की कला और संस्कृति को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक नई पहचान मिली है।
https://ift.tt/YiqtNP1
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply