मधुबनी डीआरडीए सभाकक्ष में जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने सभी विभागों के वरीय पदाधिकारियों के साथ अंतर-विभागीय समन्वय एवं कार्यालय गतिविधियों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि पिछले एक माह में नीलामपत्र के 357 मामलों का निष्पादन किया गया है, जिससे कुल 14 करोड़ 95 लाख 12 हजार रुपए की राशि वसूली हुई है। जिलाधिकारी ने ग्रामीण कार्य विभाग, नहर प्रमंडल, लघु सिंचाई, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन और बाढ़ प्रमंडल जैसे विभागों को भू-अर्जन, कार्यालयों एवं योजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता, भूमि अतिक्रमण, सीमांकन और एनओसी से संबंधित मामलों के समाधान का निर्देश दिया। निर्धारित अवधि में काम पूरा करने का निर्देश उन्होंने कहा कि विभाग भूमि की उपलब्धता और भू-अर्जन से जुड़े मामलों को सीधे ‘मधुबनी फर्स्ट पोर्टल’ पर अपलोड करें, ताकि एडीएम राजस्व द्वारा उन पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। विभागीय कार्यवाही के मामलों की समीक्षा करते हुए डीएम ने इन्हें निर्धारित अवधि में पूरा करने का निर्देश दिया। संचालन पदाधिकारियों को अपनी रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत करने को कहा गया। इसके अतिरिक्त, जिलाधिकारी ने जिला नीलाम पत्र वाद, जिला स्तरीय जनता दरबार, सीपी ग्राम, मुख्यमंत्री कार्यक्रम में प्राप्त आवेदनों, उच्च न्यायालय में लंबित मामलों, सूचना का अधिकार और मानवाधिकार से संबंधित मामलों की भी बारी-बारी से समीक्षा की। DM ने की 10 बड़े बकायेदारों के मामलों की समीक्षा नीलामपत्र वादों की समीक्षा के दौरान, जिलाधिकारी ने 10 बड़े बकायेदारों के मामलों की विशेष समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नीलामपत्र के मामलों, विशेषकर बड़े बकायेदारों से संबंधित लंबित मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर तेजी से निष्पादित किया जाए। डीएम ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि नीलामपत्र वादों में वारंट जारी करने से पहले बकायेदारों को बकाया राशि भुगतान के लिए जारी डिमांड नोटिस की तामील निश्चित रूप से हो गई हो। उन्होंने वारंट के आलोक में तेजी से और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने पर जोर दिया। सेवान्त लाभों की समीक्षा करते हुए, जिलाधिकारी ने इन्हें समय पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी विभागों के पदाधिकारियों से कहा कि सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों के सेवान्त लाभ से संबंधित भुगतान प्रस्ताव उनकी सेवानिवृत्ति से छह माह पूर्व ही सक्षम प्राधिकार को स्वीकृति हेतु भेज दिया जाए, ताकि सेवानिवृत्ति के दिन उन्हें सभी प्रकार के लाभ मिल सकें।
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