बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने बड़ी राहत दी है। अब मोबाइल ऐप के जरिए ऑनलाइन हाजिरी दर्ज न होने पर तकनीकी कारणों से शिक्षकों का वेतन नहीं कटेगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसी स्थिति में शिक्षकों को उनकी भौतिक उपस्थिति के आधार पर वेतन का भुगतान किया जाएगा। इस निर्णय से राज्य भर के हजारों शिक्षकों को लाभ मिलेगा, जो नेटवर्क, सर्वर या ऐप की तकनीकी गड़बड़ियों के कारण वेतन कटौती का सामना कर रहे थे। शिक्षकों को वापस किया जाएगा पैसा शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, जिन शिक्षकों का वेतन तकनीकी कारणों से पहले ही काटा जा चुका है, उन्हें भी वापस किया जाएगा। प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि शिक्षकों से नियमानुसार स्पष्टीकरण और प्रमाण प्राप्त करने के बाद उनकी भौतिक उपस्थिति के आधार पर वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाए। इस कदम से ईमानदारी से विद्यालय आने वाले शिक्षकों को मानसिक और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। विभाग को लगातार मिल रही शिकायतें बता दें है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लेटलतीफी और बिना सूचना अनुपस्थिति पर रोक लगाने के उद्देश्य से ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली लागू की गई थी। हालांकि, कई बार तकनीकी खामियों के कारण शिक्षकों की हाजिरी दर्ज नहीं हो पाती थी, जबकि वे विद्यालय में मौजूद रहते थे। इस वजह से शिक्षकों में असंतोष बढ़ रहा था और विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं। नए निर्देश के बाद यह समस्या काफी हद तक सुलझने की उम्मीद है, जिससे शिक्षकों को बेवजह की परेशानी से निजात मिलेगी। शिक्षकों पर सख्ती रहेगी जारी विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह राहत केवल तकनीकी कारणों से प्रभावित शिक्षकों के लिए है। जानबूझकर देर से आने या बिना अनुमति अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर सख्ती जारी रहेगी। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर संबंधित शिक्षकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग का यह कदम एक ओर ईमानदार शिक्षकों को राहत देगा, वहीं दूसरी ओर अनुशासनहीनता पर लगाम लगाने में भी मददगार साबित होगा।
https://ift.tt/3MQfePw
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply