उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में मंगलवार सुबह घना कोहरा छाया रहा, जिससे विजिबिलिटी लगभग शून्य हो गई। कोहरे के कारण सड़कों पर आवाजाही कम रही और वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार, हवा की धीमी रफ्तार (11 किलोमीटर प्रति घंटा) के कारण कोहरा और घना हो गया। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 265 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। यह स्तर सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन जैसी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। विशेषज्ञों ने पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे प्रदूषक कणों की बढ़ती मात्रा को इसका कारण बताया है। चिकित्सकों ने बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। ठंड से बचने के लिए लोग जगह-जगह अलाव तापते नजर आए। सड़कों के किनारे और गरीब बस्तियों में मजदूर वर्ग आग के सहारे गर्मी ले रहे थे। जिला प्रशासन ने बढ़ती ठंड को देखते हुए सक्रियता दिखाई है। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने अधिकारियों को रेन बसेरों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति खुले में सोने को मजबूर न हो। प्रशासन लगातार सड़कों पर उतरकर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए घने कोहरे और ठंड का येलो अलर्ट जारी किया है। 15 और 16 दिसंबर को सुबह के समय घने कोहरे की चेतावनी दी गई है, जिसमें विजिबिलिटी 50 से 200 मीटर तक रह सकती है। न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम 23-24 डिग्री रहने का अनुमान है। प्रशासन और मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे बाहर निकलते समय मास्क पहनें, गर्म कपड़े पहनें और वाहन चलाते समय फॉग लाइट का उपयोग करें। लोगों को धीमी गति से वाहन चलाने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
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