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इंटरनेशनल ठग रवीन्द्र नाथ सोनी गैंग पर 6 और FIR:पीड़ित बोले…ठगी की रकम से फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने फतेह फिल्म बनाई, सूद को अब दूसरा नोटिस जारी

कानपुर की कोतवाली पुलिस ने इंटरनेशनल ठग रवीन्द्र नाथ सोनी और उसके गैंग के खिलाफ सोमवार देर रात तक छह और एफआईआर दर्ज की है। यह सभी दुबई के रहने वाली भारतीय एनआरआई हैं। इन सभी ने बताया कि शातिर ठग की ब्लूचिप कंपनी और फिल्म अभिनेता सोनू सूद के झांसे में फंसकर कंपनी में लाखों-करोड़ों रुपए इन्वेस्ट करते चले गए। यह भी आरोप लगाया कि अभिनेता ने ठगी की रकम से ही साइबर क्राइम पर आधारित फतेह फिल्म बनाई थी। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने सभी छह ठगी के शिकार एनआरआई की तहरीर पर ठग रवीन्द्र नाथ सोनी और उसके गैंग के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। वहीं, सोनू सूद को पूछताछ के लिए दूसरा नोटिस जारी किया है। दूसरे नोटिस पर भी सोनू सूद नहीं आए तो कानपुर पुलिस जारी करेगी वारंट इंटरनेनल ठग रवीन्द्र नाथ सोनी ने दुबई, मलेशिया, जापान, भारत, नेपाल समेत कई देशों में अपना ठगी का जाल फैलाया था। अब तक की जांच में सामने आया है कि शातिर ठग ने अपनी ब्लूचिप समेत अन्य कंपनियों में निवेश के जरिए 700 लोगों से करीब 1500 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया है। ठगी का पैसा समेटकर वह ओमान के रास्ते भारत भाग आया। यहां 42 लाख की ठगी में कानपुर पुलिस ने उसे धर दबोचा था। इतनी बड़ी ठगी का खुलासा होने के बाद आईपीएस अंजलि विश्वकर्मा की देखरेख में गठित एसआईटी अब पूरे मामले की जांच कर रही है। सोमवार को दुबई में रहने वाले ठगी के शिकार हरियाणा के रेवाड़ी निवासी दीपक कुमार रविंद्र नाथ सोनी के पकड़े जाने की खबर मिलते ही अन्य पीड़ित एनआरआई के साथ कानपुर कमिश्नरेट पहुंचे। तीन फीसद ब्याज के नाम पर उनसे रवींद्र ने 26.50 लाख रुपए निवेश कराए थे। इसी तरह दुबई में रह रहे हरियाणा के पलवल निवासी वासुदेव शर्मा से 2 करोड़, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा निवासी राजीव शास्त्री से 54 लाख, गोरखपुर के धीरेंद्र प्रताप सिंह से 42 लाख, गुजरात के वड़ोदरा की अमोल रजनी मिठानी से 51 लाख और संगीता सावन कामदार से 33.60 लाख रुपए की ठगी कर ली। पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल ने सभी की शिकायत सुनने के बाद फौरन कोतवाली पुलिस को मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इसके साथ ही एसआईटी ने सभी पीड़ितों के बयान दर्ज करके मामले में जांच शुरू कर दी। देर रात तक शातिर ठग रवीन्द्र नाथ सोनी के खिलाफ कोतवाली थाने में छह और एफआईआर दर्ज हो गई। जबकि पांच एफआईआर पहले से दर्ज है। ठगी की रकम से साइबर फ्रॉड पर फिल्म बनाने का आरोप पीड़ितों ने फिल्म फतेह में रवींद्र के पैसा लगाए जाने का दावा किया। साइबर क्राइम पर आधारित इस फिल्म को फिल्म अभिनेता सोनू सूद के निर्देशन में ही यह पहली फिल्म बनी थी। खास बात ये थी कि सोनू सूद ही निर्देशक थे और अभिनेता का भी उन्होंने भूमिका अदा की थी। इतना ही नहीं दुबई से कानपुर पहुंचे ठगी के शिकार लोगों ने बताया कि रवींद्र का साझीदार सूरज जुमानी ने ब्लू चिप म्यूजिक कंपनी खोली थी। उसी के माध्यम से एक एलबम और फिल्म बनाई। पीड़ितों ने एसआईटी को अर्जुन और अकरम नाम के दो युवकों की जानकारी भी दी है। पहली बार यह नाम सामने आए हैं। सूत्राें की माने तो पीड़ितों ने आरोपों के संबंध में साक्ष्य भी सौंपे हैं। फिलहाल एसआईटी जांच कर रही है। मैच्योरिटी के दौरान ही करा लेता था रि-इनवेस्टमेंट एनआरआई दीपक कुमार ने बताया कि वह रविंद्र सोनी के एजेंट अकरम और अर्जुन के माध्यम से संपर्क में आए थे। वर्ष 2022 से 2023 के बीच ब्लू चिप कंपनी में इनवेस्ट किया। आरोप लगाया कि उन्हें सोनू सूद से भी मिलवाया गया। सोनू सूद ने खुद को कंपनी का ब्रांड एंबेसडर बताया। उनके भरोसे पर ही पैसा निवेश कर दिया। दीपक ने बताया कि 3 से 3.5 प्रतिशत मासिक ब्याज का वादा किया गया था। उन्होंने लोन लेकर कंपनी में निवेश किया। आज भी ईएमआई चुका रहे हैं। दो से तीन बार ब्याज मिला। इससे भरोसा मजबूत हुआ। पीड़ितों ने बताया कि आरोपी और उसकी टीम मेच्योरिटी के समय रीइनवेस्टमेंट के नाम पर रकम फिर से लगवा लेते थे। एसआईटी कर रही गैजेट्स को डिकोड एसआईटी ने रिमांड के दौरान देहरादून से कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद किए हैं। इन्हें डिकोड किया जा रहा है। एडीसीपी अंजली विश्वकर्मा के नेतृत्व में एसआईटी गैंग की कारगुजारियों की डिटेल खंगाल रही है। जल्द ही ठगी के सिंडीकेट में शामिल अन्य आरोपियों को भी जेल भेजा जाएगा। इस ठगी के खेल में रवीन्द्र नाथ सोनू तो सिर्फ एक कड़ी है, बाकी कई बड़े-बड़े लोग भी इसमें शामिल हैं। भेजा जाएगा तीसरा नोटिस और फिर जारी होगा वारंट महाठग रवींद्र से अभिनेता सोनू सूद के रिश्ते प्रमोशन तक नहीं थे। ऐसे साक्ष्य एसआईटी को मिले हैं। जिसके चलते एसआईटी ने सोनू सूद और खली को सोमवार को पूछताछ के लिए दूसरा नोटिस भेजा था। सात दिन बीतने के बाद दूसरा नोटिस भी भेजा गया है। अब चार दिन बाद तीसरा नोटिस भेजा जाएगा। तीसरे नोटिस का जवाब नहीं मिला तो वारंट जारी होगा। रिमांड के दौरान मिले अधिवक्ता पुलिस अफसरों की मानें तो रवींद्र के पुलिस कस्टडी रिमांड पर रहने के दौरान एक अधिवक्ता उनसे मिलने आया था। पुलिस की अनुमति के बाद वह रवींद्र से मिला और उसे किस संपर्क से आया है, यह बताया। जिसके बाद रवींद्र ने अधिवक्ता को वकालतनामा पर हस्ताक्षर करके दे दिया। बता दें 17 दिसंबर को रवींद की जमानत अर्जी पर सुनवाई सत्र न्यायालय में होनी है। इसी संबंध में जमानत की पैरवी के लिए अधिवक्ता उससे मिले थे। ठगी के शिकार इन एनआरआई ने दर्ज कराई रिपोर्ट


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