भास्कर न्यूज | सीवान नगर परिषद सीवान क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अब सफाई शुल्क भी देना होगा।सफाई शुल्क लेने का कार्य नगर परिषद शुरू भी कर दिया गया है। इस तरफ प्रतिवर्ष प्रति ग घर को 360 रुपया सालाना देना होगा। हालांकि यह राशि होल्डिंग टैक्स में शामिल नहीं है। होल्डिंग टैक्स पहले से जो निर्धारित है, उसके अतिरिक्त यह शुल्क है। इस तरह शहरी क्षेत्र में के लोगों को 360 रुपया सालाना अतिरिक्त बोझ झेलना पड़ेगा। 2 साल पहले होल्डिंग टैक्स में भी काफी बढ़ोतरी की गई थी। 10 साल पहले होल्डिंग टैक्स अचानक दो गुना और तिगुना राशि बढ़ा दी गई थी। जबकि शहरी क्षेत्र में कई ऐसे कई नया मोहल्ला है, जहां पर सफाई कर्मचारी कभी सफाई करने जाते भी नहीं है। वहां पर सड़क और नाली भी अभी नहीं बनाई गई है। यहां तक की नगर परिषद द्वारा डस्टबिन भी नहीं रखा गया है। जबकि नए मोहल्ले के लोग भी होल्डिंग टैक्स जमा करते हैं। नगर परिषद् क्षेत्र की लगभग 36 हजार घर है। इन होल्डिंगों से सफाई शुल्क की वसूली के लिए सोमवार को विशेष अभियान का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस अभियान का उद्घाटन जिलाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय एवं नगर परिषद् के कार्यपालक पदाधिकारी डॉ. विपिन कुमार ने किया। शुभारंभ के अवसर पर जिलाधिकारी व कार्यपालक पदाधिकारी ने स्वयं सफाई शुल्क जमा कर आम नागरिकों, जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि स्वच्छता की जिम्मेदारी सभी की साझा जिम्मेदारी है। शुभारंभ कार्यक्रम में सिटी मैनेजर बालेश्वर राय, वार्ड पार्षद जयप्रकाश गुप्ता सहित नगर परिषद् के अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे। सफाई शुल्क देना अनिवार्य जिलाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय ने कहा कि स्वच्छता केवल सरकारी दायित्व नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति का नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि सफाई शुल्क का उद्देश्य किसी पर अतिरिक्त बोझ डालना नहीं है, बल्कि इससे एकत्रित राशि का उपयोग शहर की साफ-सफाई, कचरा प्रबंधन, नालियों की नियमित सफाई, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण एवं स्वच्छता से जुड़ी सुविधाओं को मजबूत करने में किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि नगर परिषद् क्षेत्र के सभी 36 हजार होल्डिंग धारकों को सफाई शुल्क देना अनिवार्य है। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि सभी जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों से भी सफाई शुल्क की वसूली की जाएगी ताकि यह संदेश जाए कि कानून और नियम सभी के लिए समान हैं। उन्होंने कहा कि जब जनप्रतिनिधि और अधिकारी स्वयं आगे आकर शुल्क जमा करेंगे तो आम नागरिकों में भी जागरूकता और विश्वास बढ़ेगा।डीएम ने कहा कि स्वच्छ शहर न केवल बेहतर जीवन की पहचान है, बल्कि यह शहर की छवि, स्वास्थ्य और विकास से भी सीधे जुड़ा हुआ है। उन्होंने विश्वास जताया कि नगर परिषद् का यह अभियान जनसहयोग से सफल होगा और सीवान को एक स्वच्छ, सुंदर और आदर्श शहर के रूप में स्थापित करेगा।
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