मधेपुरा में राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचाने वाला मामला सामने आया है। राजद विधायक प्रो. चंद्रशेखर और उनके सहयोगी आलोक कुमार मुन्ना समेत अन्य पर एक करोड़ रुपये रंगदारी मांगने, कार्य में बाधा डालने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा है। इस मामले में AA पटना (JV) फर्म के नाम से संचालित कार्य के संवेदक की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। संवेदक ने पुलिस से सुरक्षा की भी गुहार लगाई है। कार्य शुरू होते ही दबाव और धमकी का आरोप FIR में संवेदक ने आरोप लगाया है कि कार्य प्रारंभ होने के समय से ही विधायक और उनके प्रतिनिधियों द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा था। रंगदारी नहीं देने पर कार्य रुकवाने और झूठे आरोप लगाने की धमकी दी जाती रही। इसके बावजूद संवेदक ने विभागीय दिशा-निर्देशों और स्थानीय प्रशासनिक पदाधिकारियों की निगरानी में काम जारी रखा। संवेदक का दावा है कि अब तक 60 प्रतिशत से अधिक निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। जांच टीम की रिपोर्ट में गुणवत्ता संतोषजनक विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद ग्रामीण विकास मंत्री सह मधेपुरा के प्रभारी मंत्री के निर्देश पर जिला स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक में जांच टीम का गठन किया गया। टीम ने 21 अगस्त 2025 को कार्यस्थल का निरीक्षण किया। जांच रिपोर्ट में निर्माण कार्य की गुणवत्ता को संतोषजनक बताया गया। रिपोर्ट आने के बाद भी विधायक और उनके प्रतिनिधियों की नाराजगी कम नहीं हुई और बार-बार कार्यस्थल पर पहुंचकर काम बाधित किए जाने का आरोप लगाया गया है। फोन और वॉट्सऐप पर रंगदारी मांगने का दावा संवेदक ने आरोप लगाया कि उनके प्रोजेक्ट मैनेजर इंजीनियर आशुतोष कुमार के मोबाइल और वॉट्सऐप पर आलोक कुमार मुन्ना द्वारा लगातार कॉल कर एक करोड़ रुपए रंगदारी की मांग की गई। रुपए नहीं देने पर जान से मारने और ठेकेदारी में बर्बाद करने की धमकी दी जाती रही। इसकी जानकारी उन्होंने बुडको के पदाधिकारियों और प्रशासन को वॉट्सऐप संदेश के माध्यम से कई बार दी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। कार्यस्थल पर मारपीट का भी आरोप संवेदक के अनुसार, 23 नवंबर 2025 की रात करीब 9.30 बजे विधायक अपने लगभग 10 समर्थकों के साथ कार्यस्थल पर पहुंचे। इस दौरान वहां काम कर रहे मजदूर सोनू निगम के साथ कथित रूप से मारपीट और गाली-गलौज की गई। डरे-सहमे मजदूर ने मधेपुरा थाना में विधायक समेत अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। हालांकि, अब तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगाया गया है। संवेदक ने जताई जान-माल की सुरक्षा को लेकर आशंका संवेदक ने पुलिस को दिए आवेदन में आशंका जताई है कि उन्हें और उनके स्टाफ को निशाना बनाया जा सकता है, जिससे किसी अप्रिय घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। पुलिस बोली- जांच के बाद होगी कार्रवाई इस संबंध में सदर थानाध्यक्ष ने बताया कि आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद आगे की विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
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