बलिया में प्रधान की पत्नी की हत्या में फरार नक्सली को एटीएस ने 13 साल बाद गिरफ्तार कर लिया। आरोपी नक्सली वाराणसी में भेष बदलकर रह रहा था और रेलवे स्टेशनों पर छिपकर अपने कामों को अंजाम देता था। एक संदिग्ध की तलाश में गई एटीएस के सवाल में नक्सली फंस गया। उसे पूछताछ के लिए लाया गया तो घंटों गुमराह किया बाद में कड़ाई पर टूट गया। जांच में पता चला कि आरोपी प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के प्रमुख सदस्य रहा है और 50 हजार रुपये के इनामी बलिया मुड़ियारी थाना सहतवार निवासी नक्सली सीताराम उर्फ विनय है। पुलिस रिकार्ड में वो 50 हजार का इनामी निकलते ही हड़कंप मच गया। एटीएस की वाराणसी इकाई ने काशी रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर विधिक कार्रवाई शुरू की गई। बताया कि 13 वर्षों से नाम और भेष बदलकर छुप रहा था आज पकड़ा गया। तत्कालीन उपमहानिरीक्षक आजमगढ़ जोन ने वर्ष 2012 में बलिया में ग्राम प्रधान की पत्नी के हत्या के बाद इस पर इनाम घोषित किया था। अब पुलिस के जरिए गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।
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