पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर चल रहे अधिवक्ताओं के आंदोलन में अब चिकित्सकों का भी समर्थन मिल गया है। इसी क्रम में सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मेरठ ने अधिवक्ताओं की बंदी के समर्थन में एकजुटता दिखाई और सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक ओपीडी सेवाएं बंद रखने का निर्णय लिया। किसी एक वर्ग की नहीं लड़ाई- मनीषा त्यागी डॉ. मनीषा त्यागी ने कहा कि यह लड़ाई किसी एक वर्ग की नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के अधिकारों से जुड़ी हुई है। जब तक समाज के सभी वर्ग एकजुट होकर अपनी आवाज नहीं उठाएंगे, तब तक यह मांग पूरी नहीं होगी। उन्होंने चिकित्सक समुदाय से सामाजिक सरोकारों में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील भी की। इमरजेंसी सेवा नहीं होगी बाधित आईएमए सचिव डॉ. विकास गुप्ता ने कहा कि अधिवक्ताओं का आंदोलन वर्षों से चल रहा है और अब समय आ गया है कि सभी पेशेवर संगठन उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हों। उन्होंने स्पष्ट किया कि ओपीडी सेवाएं बंद रखने का निर्णय प्रतीकात्मक विरोध के रूप में लिया गया है, जबकि इमरजेंसी सेवाएं पहले की तरह चालू रहीं, ताकि किसी मरीज को असुविधा न हो। आसान होगी न्याय प्रक्रिया आईएमए मेरठ की अध्यक्ष डॉ. मनीषा त्यागी और सचिव डॉ. विकास गुप्ता ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और घनी आबादी वाले क्षेत्र के लिए हाईकोर्ट बेंच एक लंबे समय से लंबित और जायज मांग है। उन्होंने कहा कि न्याय तक आसान पहुंच आम जनता का अधिकार है और बेंच की स्थापना से न केवल अधिवक्ताओं बल्कि आम नागरिकों को भी राहत मिलेगी।
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