महराजगंज में पोस्टमार्टम ड्यूटी से इनकार करने पर तीन डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. श्रीकांत शुक्ला ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए तीनों डॉक्टरों का दो-दो दिन का मानदेय भी रोक दिया है। जिन डॉक्टरों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण आनंद, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शारिक नवाज और संविदा फिजिशियन डॉ. दुर्गेश शुक्ला शामिल हैं। सीएमओ ने चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय सीमा में संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, तो उनके खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी और रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। सीएमओ कार्यालय से जारी पत्र के अनुसार, जिला अस्पताल में शवों के पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई थी। इसी क्रम में 12 दिसंबर को फार्मासिस्ट के.के. पटेल ने आधुनिक चीरघर से संबंधित कार्यों के लिए डॉ. शारिक नवाज से संपर्क किया और उन्हें ड्यूटी के बारे में बताया। आरोप है कि डॉ. शारिक नवाज ने पोस्टमार्टम ड्यूटी करने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद फार्मासिस्ट पटेल ने डॉ. प्रवीण आनंद और डॉ. दुर्गेश शुक्ला से भी फोन पर संपर्क कर उन्हें पोस्टमार्टम ड्यूटी की जानकारी दी। आरोप है कि इन दोनों चिकित्सकों ने भी ड्यूटी करने से मना कर दिया। नोटिस में कहा गया है कि सूचना दिए जाने के बावजूद तीनों चिकित्सकों द्वारा पोस्टमार्टम ड्यूटी से इनकार करना उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना है। विभाग ने इसे राजकीय कार्यों के प्रति लापरवाही और उदासीन कार्यप्रणाली बताया है। नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि पोस्टमार्टम ड्यूटी को आपातकालीन सेवाओं की श्रेणी में रखा जाता है। सीएमओ डॉ. श्रीकांत शुक्ला ने इस पूरे मामले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जिला अस्पताल जैसी महत्वपूर्ण इकाई में आपात सेवाओं से जुड़ी जिम्मेदारियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने जोर दिया कि पोस्टमार्टम न केवल एक कानूनी प्रक्रिया है, बल्कि यह एक आवश्यक सेवा भी है।
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