कोडीनयुक्त कफ सिरप के अवैध कारोबार से जुड़े देश के बड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कस दिया है। लखनऊ जोनल ऑफिस की टीम ने 12 और 13 दिसंबर को उत्तर प्रदेश, झारखंड और गुजरात में एक साथ 25 ठिकानों पर छापेमारी की। शुरुआती जांच में सामने आया है कि फर्जी फर्मों, कूट रचित लाइसेंस और जाली रिकॉर्ड के सहारे सिरप को नशे के तौर पर खपाया जा रहा था और इससे कमाया गया पैसा कई परतों में घुमाकर छिपाया जा रहा था। छह शहरों में एक साथ ED की कार्रवाई ED की यह कार्रवाई लखनऊ, वाराणसी, जौनपुर, सहारनपुर, रांची और अहमदाबाद में की गई। इन ठिकानों में आरोपियों और उनके करीबी सहयोगियों के आवासीय और व्यावसायिक परिसर शामिल थे। धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई इस तलाशी के दौरान एजेंसी ने जांच से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और रिकॉर्ड जब्त किए हैं, जिन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत के तौर पर देखा जा रहा है। 30 एफआईआर से खुला संगठित सिंडिकेट का राज ईडी ने यह जांच उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज 30 एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। इन एफआईआर में एनडीपीएस एक्ट, भारतीय दंड संहिता और अन्य कानूनों के तहत आरोप लगाए गए थे। जांच एजेंसी के मुताबिक, यह एक सुव्यवस्थित और बहु-स्तरीय आपराधिक सिंडिकेट था, जो लंबे समय से कोडीन आधारित कफ सिरप की अवैध खरीद, भंडारण और बिक्री में सक्रिय था और कानून द्वारा तय सभी नियंत्रणों को दरकिनार कर रहा था। फर्जी फर्मों और लाइसेंस के जरिए हुआ सिरप का डायवर्जन जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने पहले बड़ी मात्रा में कोडीनयुक्त कफ सिरप की वैध खरीद दिखाई और फिर उसके डायवर्जन के लिए कई फर्जी फर्में खड़ी कर दीं। इन फर्मों के नाम पर धोखाधड़ी से लाइसेंस हासिल किए गए और रिकॉर्ड में हेराफेरी कर सिरप को दवा के बजाय नशे के रूप में बाजार में उतारा गया। इस नेटवर्क के जरिए सिरप की अंतर्राज्यीय सप्लाई की गई और बाद में इसे नेपाल और बांग्लादेश तक तस्करी कर भेजा गया। फ्रंट एंटिटीज से होकर गुजरा काले धन का रास्ता ED के अनुसार, इस अवैध कारोबार से हुई भारी कमाई को सीधे इस्तेमाल करने के बजाय पहले फ्रंट एंटिटीज के बैंक खातों में डाला गया। इसके बाद कई लेन-देन के जरिए रकम को अलग-अलग खातों और संस्थाओं में घुमाया गया, ताकि पैसे के असली स्रोत को छिपाया जा सके। इसी मनी ट्रेल को आधार बनाकर अब PMLA के तहत आगे की कार्रवाई की जा रही है। तलाशी में मिले अहम सबूत, जांच और तेज PMLA की धारा 17 के तहत की गई तलाशी में आरोपियों के घरों और दफ्तरों से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और रिकॉर्ड बरामद हुए हैं। ईडी अधिकारियों का कहना है कि इन दस्तावेजों की जांच जारी है और इसके आधार पर आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े और नाम सामने आ सकते हैं। एजेंसी ने साफ किया है कि मामला गंभीर है और आगे की जांच तेजी से जारी रहेगी।
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