बागपत में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 पर पहुंचने के बाद ग्रैप-4 (Graded Response Action Plan) लागू कर दिया गया है। इसके तहत सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। धूल उड़ने से रोकने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव भी कराया जा रहा है। ग्रैप-4 लागू होने के बाद दिल्ली में बीएस-4 तक के डीजल वाले वाहनों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस प्रतिबंध का असर ईंट ढोने वाले ट्रकों पर सबसे ज्यादा पड़ेगा, जिससे ईंटों की आपूर्ति बाधित हो सकती है। व्यापारियों को भी दिल्ली से सामान लाने-ले जाने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने बताया कि ग्रैप-4 लागू होने के बाद अब किसी भी तरह का कोई निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को प्रदूषण नियंत्रण नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी सौंपी है और चेतावनी दी है कि प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन लगातार लोगों से अपील कर रहा है कि वे ऐसा कोई कार्य न करें जिससे प्रदूषण बढ़े। अधिकारी अब फील्ड में उतरकर प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों और व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर चुके हैं। बढ़ते प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। आंखों में जलन और सांस संबंधी शिकायतें सामने आ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को जरूरी होने पर ही बाहर निकलने, मास्क लगाने और किसी भी स्वास्थ्य समस्या पर तुरंत नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार कराने की सलाह दी है। संतुलित और पौष्टिक आहार लेने की भी सलाह दी गई है।
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