पश्चिम चंपारण में टेंडर माफिया के सक्रिय नेटवर्क को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। नौतन थाना क्षेत्र के ठेकेदार नागेन्द्र प्रसाद पर हुए गोलीकांड मामले में बेतिया नगर के आदर्श कॉलोनी निवासी ठेकेदार निखिल सिंह की गिरफ्तारी लगभग तय मानी जा रही है। पुलिस को उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट प्राप्त हो चुका है। इसकी पुष्टि एसडीपीओ विवेक दीप ने की है। इस मामले ने जिले में लंबे समय से चल रहे टेंडर मैनेजमेंट के खेल को एक बार फिर उजागर कर दिया है। पुलिस टीम ने पटना में की थी छापेमारी पुलिस सूत्रों के अनुसार निखिल सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम ने पटना में छापेमारी की थी, लेकिन छापेमारी से पहले ही उसे इसकी भनक लग गई और वह फरार हो गया। जांच में सामने आया है कि यह गोपनीय सूचना एक पुलिस अधिकारी द्वारा दी गई थी। इस गंभीर लापरवाही को लेकर संबंधित पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। मामले की सूचना वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ. शौर्य सुमन ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को भी दे दी है। घटना 18 फरवरी 2024 की रात की घटना 18 फरवरी 2024 की रात की है। रेखा सुंदरपट्टी निवासी ठेकेदार नागेन्द्र प्रसाद अपने घर से करीब 200 मीटर दूर गैरेज में स्कॉर्पियो खड़ी कर गांव के ही विनोद कुशवाहा के साथ घर लौट रहे थे। इसी दौरान बाइक सवार दो अपराधी वहां पहुंचे और सीने पर निशाना लगाकर गोली चला दी। नागेन्द्र प्रसाद के मुड़ जाने से गोली उनके बाएं हाथ में लगी। इसके बाद हमलावरों ने लगातार फायरिंग की, लेकिन किसी तरह वे गली में घुसकर जान बचाने में सफल रहे। नेटवर्क में स्टेशन चौक निवासी कुख्यात अभिषेक राय भी शामिल एफआईआर में नागेन्द्र प्रसाद ने बताया है कि वे ग्रामीण कार्य विभाग के प्रथम श्रेणी के संवेदक हैं और उन्होंने बेतिया व नरकटियागंज प्रमंडल में करीब 67 करोड़ रुपये के नौ टेंडर में भाग लिया था। इन्हीं टेंडरों से वंचित करने के उद्देश्य से उन पर जानलेवा हमला कराया गया। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर शूटर कृष्णा सिंह और एक अन्य आरोपी सुनील को गिरफ्तार किया। पूछताछ में शूटर कृष्णा सिंह ने खुलासा किया कि निखिल सिंह ने नागेन्द्र प्रसाद पर कुछ टेंडर वापस लेने का दबाव बनाया था। इनकार करने पर हत्या की साजिश रची गई, ताकि ठेकेदारों में दहशत फैलाकर टेंडर मैनेज किया जा सके।एसडीपीओ विवेक दीप ने बताया कि इस नेटवर्क में स्टेशन चौक निवासी कुख्यात अभिषेक राय भी शामिल है, जिसे दो दिन पहले जेल भेजा गया है। जांच में सामने आया है कि पश्चिम चंपारण में बीते दो दशकों से टेंडर मैनेजमेंट का खेल चल रहा है, जिसमें अपराधी तत्वों के साथ प्रभावशाली लोग भी शामिल हैं। पुलिस अब पूरे गिरोह के आर्थिक लेन-देन और संपत्ति की गहन जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दावा कर रही है।
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