DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

नितिन को शाह, पत्नी की पसंद हैं मोदी:घर संभालने के लिए छोड़ी थी पढ़ाई, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष बोले- राजनीति मतलब संघर्ष

भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन (45) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इन्सपायर हैं, जबकि उनकी पत्नी पेशे से बैंकर डॉक्टर दीपमाला श्रीवास्तव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पसंद करती हैं। एक इंटरव्यू में नितिन नवीन और उनकी पत्नी दीपमाला से जब पसंदीदा नेताओं के बारे में पूछा जाता है तो पहले दीपमाला कहती हैं, ‘नेता तो बहुत सारे अच्छे हैं। अभी तो सबसे पहले नरेंद्र मोदी मुझे बहुत पसंद हैं। भाजपा में उनके जैसा कोई नेता नहीं है, आज से पहले नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री भी देश को नहीं मिला था।’ दीपमाला कहती हैं, ‘कभी जीवन में निराशा होती है तो नरेंद्र मोदी याद आते हैं, लगता है कि अगर वे कठिन परिस्थितियों में देश संभाल सकते हैं, तो हम लोग छोटी-मोटी चीजें क्यों नहीं संभाल सकते हैं।’ वहीं, नितिन नवीन कहते हैं, ‘जो नेता के तौर पर सफल होते हैं, वे पारिवारिक रूप से सफल नहीं हो पाते। मेरा मानना है कि आज की तारीख में आर्दश स्थापित करने वाले नेताओं में मैंने सुशील मोदी को देखा है। राजनीतिक सूझबूझ की दृष्टि से कहूं तो अमित शाह को मैंने मेहनत करते देखा है। सामाजिक समीकरण नहीं होने के बावजूद इन नेताओं ने अपनी अलग छवि बनाई है।’ राजनीति में आने के सवाल पर नितिन नबीन कहते हैं, मैं कभी राजनीति में नहीं आना चाहता था। मैंने अपने स्लैम बुक में हर छोटी-मोटी बात लिखता था। एक बार मैंने कुछ लिखा था और जब मेरे पिता का निधन हुआ, तो मेरे एक मित्र ने मेरे स्लैम बुक में से वो बातें पढ़कर मुझे बताई, फिर मैं मजबूरी में राजनीति में आया। राजनीतिक जीवन एक अलग दुनिया है, और मैं ये नहीं कहता कि इसमें अच्छे लोग नहीं आनी चाहिए, अच्छे लोग आएंगे, तभी राजनीति ठीक होगी। लेकिन राजनीति उसी को करना चाहिए, जिसमें संघर्ष करने का माद्दा हो। मैं ये मानता हूं कि अगर जीवन में संघर्ष करने का स्पिरिट है, तब तो आप इसमें रह सकते हैं क्योंकि इसके अप्स एंड डाउन्स का कुछ पता नहीं। दीपमाला बोलीं- नितिन बहुत शांत और सुलझे हुए व्यक्ति हैं शादी और नितिन नबीन के स्वभाव और व्यक्तित्व पर बात करते हुए दीपमाला बताती हैं कि हमारी शादी अरेंज मैरिज थी। हम दोनों के पैरेंट्स ने 15 साल पहले हमारी शादी डिसाइड की थी। शादी के बाद ही हम दोनों का परिचय हुआ था। दीपमाला कहती हैं कि नितिन बहुत शांत व्यक्ति हैं, बहुत सुलझे हुए इंसान हैं। पति के कामकाज को लेकर कहती हैं कि नितिन पहले विधायक थे, फिर मंत्री बने, जिम्मेदारी बढ़ी है, काम का एरिया भी बढ़ा है। पहले एक शहर की जिम्मेदारी थी, फिर पूरे राज्य में मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली। छत्तीसगढ़ के प्रभारी भी रहे। इन सब के बीच परिवार को लेकर चलना बड़ी बात है। परिवार छोटा है, बच्चे छोटे हैं, हम दोनों को ध्यान रखना पड़ता है। हम दोनों मिलकर इसे अच्छे से निभा रहे हैं। दीपमाला कहती हैं कि मैंने शादी से पहले सोचा था कि मेरी लाइफ में एक शांत व्यक्ति आए, जो चीजों को साथ लेकर चले, एक ऐसा व्यक्ति आए जो मेरी भावनाओं को समझे। दोनों साथ मिलकर चलेंगे तो जो समस्या आएगी और सभी के जीवन में समस्याएं आती हैं, आनी भी चाहिए, तभी तो हमारा संबंध और प्रगाढ़ होता है। हम दोनों ने मिलकर छोटी-मोटी समस्याओं को आसानी से सुलझाया और हमारी बॉन्डिंग धीरे-धीरे स्ट्रॉन्ग होती चली गई। ‘हम दोनों को एक-दूसरे से कहने की जरूरत नहीं, समझ जाते हैं’ दीपमाला बताती हैं कि आज हम दोनों को एक दूसरे से कुछ कहने की जरूरत नहीं होती है। हम समझ जाते हैं कि किसे क्या चाहिए। 15 साल में ऐसी आदत हो गई है। सबसे अच्छी बात कि नितिन कभी झगड़ा नहीं करते, अगर मुझे झगड़ा करने का मन भी होता है, तो ये नहीं होने देते, क्योंकि झगड़ा करने के लिए भी दो लोग होने चाहिए, ये आदत इनमें नहीं है। ‘एक्सिडेंटली राजनीति में आया, सवाल था कि कितनी देर चल पाऊंगा’ इंटरव्यू में नितिन नवीन ने कहा था कि राजनीति में मैं एक्सीडेंटली आया था, मेरे मन में सवाल था कि मैं कितनी दूर या देर तक चल पाऊंगा। मुझे अंदाजा भी नहीं था कि राजनीति में व्यवस्थाएं कैसी होती हैं। हां, मैंने पिता को राजनीति करते देखा तो लगा कि पापा तो दिनभर बाहर ही रहते हैं, ये देखकर ही मैं बड़ा हुआ हूं। पापा के बाद जब मैं राजनीति में आया तो समझा कि परिवार और प्रोफेशन में सामंजस्य की बात आती है, तो चुनौती बड़ी हो जाती है। लेकिन मेरा मानना है कि अगर पत्नी, परिवार का सपोर्ट मिले तो सब ठीक हो जाता है। यानी जब आपके फैमिली स्ट्रक्चर को कोई संभाल रहा होता है तो आपका पर्नसल, प्रोफेशनल लाइफ आसान हो जाता है। मां जब तक थीं, तब तक चीजें बहुत स्मूद थीं। मां के नहीं रहने के बाद पत्नी ने ही सब कुछ संभाला है। मेरी सफलता का राज ये भी है कि पत्नी हर चीज संभाल लेती हैं ताकि मैं बाहर बेहतर तरीके से परफॉर्म करूं। नितिन नबीन के पिता जेपी आंदोलन से भी जुड़े थे नितिन नबीन अपनी माता-पिता के इकलौते बेटे हैं। नितिन नबीन की दो बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। नितिन नबीन के पिता नवीन किशोर सिन्हा जयप्रकाश आंदोलन के सेनानी रहे थे। नवीन किशोर सिन्हा का 31 दिसंबर 2005 को निधन हो गया था, जबकि उनकी पत्नी यानी नितिन नबीन की मां माला सिन्हा ने पांच साल पहले यानी 29 मार्च 2021 दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली थी। औरंगाबाद में है नितिन नबीन का ननिहाल भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन का ननिहाल औरंगाबाद में है। 1976 में नितिन नबीन के पिता नवीन किशोर सिन्हा और माला सिन्हा की शादी हुई थी। नवीन किशोर सिन्हा पहले जनसंघ से जुड़े थे और इसके बाद जब भाजपा अस्तित्व में आई, तो वे भाजपा के बड़े नेता बने। दंपती की तीन संतान हुईं, जिनमें नितिन नवीन के अलावा, बेटियां नमिता और विनीता शामिल हैं। भाजपा से जुड़ने के बाद नवीन किशोर सिन्हा पहली बार साल 1995 में पटना पश्चिम (अब बांकीपुर) से विधायक चुने गए थे। कहा जाता है कि नवीन किशोर सिन्हा अपनी पत्नी माला सिन्हा और तीनों बच्चों के साथ पूरी उम्र किराए के मकान में ही रहे। पिता के निधन के बाद नितिन नवीन ने बीच में ही छोड़ी पढ़ाई 31 दिसंबर 2005 को जब नवीन किशोर सिन्हा का निधन हुआ, तो उस वक्त नितिन नबीन इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। पिता के निधन के बाद मां माला सिन्हा ने फैसला किया कि उनका बेटा ही अब अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएगा। लिहाजा, नितिन नबीन को बीच में ही पढ़ाई छोड़़नी पड़ी। नितिन नबीन का जन्म 23 मई 1980 को हुआ। उनकी पढ़ाई दिल्ली से हुई। जब उनके पिता का निधन हुआ था, तब नितिन नबीन की उम्र 26 साल थी। पिता के निधन के बाद खाली हुई पटना पश्चिम विधानसभा सीट पर साल 2006 में उपचुनाव कराया गया, जिसमें नितिन नबीन को जीत हासिल हुई। इसके बाद कभी नितिन नबीन चुनाव नहीं हारे। 2008 में पटना पश्चिम का नाम बांकीपुर विधानसभा हो गया। इसके बाद साल 2010, 2015, 2020 और अब 2025 में लगातार चार बार नितिन नबीन ने विधानसभा चुनाव जीता। उन्हें पहली बार साल 2021 में नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में जगह मिली थी। 45 साल के नितिन नबीन वर्तमान में बिहार सरकार में नगर विकास और पीडब्लूडी मंत्री हैं। पटना में मां माला सिन्हा के लिए घर बनाने का सपना अधूरा रह गया नितिन नबीन ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा था कि मैं अपनी मां माला सिन्हा के लिए पटना में घर बनाना चाहता था, लेकिन उससे पहले ही मां हमें छोड़कर चली गई। मैं मां को मइया कहता था, मैं चाहता था कि मां के लिए एक घर पटना में बनवाऊं और उसमें मां को लेकर आऊं। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। नितिन नवीन पर 5 केस, लाखों में संपत्ति बांकीपुर से बीजेपी प्रत्याशी और पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन पर 5 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनके पास 92.71 लाख रुपए की चल संपत्ति है। अचल संपत्ति नहीं है। नितिन नवीन की पत्नी दीपमाला श्रीवास्तव के पास 66.52 लाख रुपए की चल और 1.47 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। सोना-चांदी: नितिन नवीन के पास गोल्ड चेन है, जिसकी कीमत 75,600 रुपए है। सोने की एक 64,800 रुपए की अंगूठी है। उनकी पत्नी के पास 70 ग्राम सोने के गहने हैं। इनकी कीमत 7.56 लाख रुपए है। इसके साथ ही 400 ग्राम चांदी के गहने हैं। इनकी कीमत 64 हजार रुपए है। गाड़ी: नितिन नवीन के पास 12.60 लाख की स्कॉर्पियो और 25.21 लाख रुपए की इनोवा कार है। अन्य संपत्ति: नहीं कर्ज: 56.66 लाख रुपए


https://ift.tt/erlm28s

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *