भास्कर न्यूज| जमुई बिहार सरकार द्वारा जमीन रजिस्ट्री से जुड़े शुल्कों में की गई बढ़ोतरी का असर अब जिले में साफ तौर पर नजर आने लगा है। नए साल 2026 से लागू की जाने वाली नई दरों के बाद जमीन की खरीद–फरोख्त पहले के मुकाबले काफी महंगी हो जाएगी। इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ सकता हैं। जमुई जिले में भी इस फैसले का प्रभाव देखने को मिल रहा है, जहां निबंधन कार्यालयों में पहले की तुलना में कम भीड़ दिखाई दे रही है। जमुई जिला निबंधन कार्यालय के रजिस्ट्रार विनीत कुमार ने बताया कि सरकार ने मार्केट वैल्यू रेट में संशोधन के साथ-साथ निबंधन शुल्क और स्टांप ड्यूटी से जुड़े नियमों को सख्त किया है। इसके चलते अब जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए पहले से ज्यादा राशि चुकानी पड़ सकती हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में ग्रामीण इलाकों में और 2016 में शहरी क्षेत्रों में जमीन की रजिस्ट्री दरों में बढ़ोतरी की गई थी। इसके बाद से हर साल औसतन 10 प्रतिशत बढ़ोतरी होनी थी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में 11 साल और शहरी क्षेत्रों में करीब 9 साल से रजिस्ट्री की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। लंबे समय बाद एक साथ दरें बढ़ाए जाने से लोगों पर इसका असर ज्यादा पड़ सकता है। इससे मकान निर्माण और जमीन खरीदने की योजनाएं प्रभावि हो सकती हैं।
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