बदायूं के बड़े सरकार की दरगाह परिसर में रहने वाले सभी लोगों और चादर-प्रसादी बेचने वालों को अपनी तीन पीढ़ियों का ब्योरा सदर कोतवाली में देना होगा। प्रशासन ने यह निर्देश रोहिंग्या मुसलमानों की तलाश के अभियान के बाद जारी किया है, जिसमें दरगाह परिसर में दर्जनों संदिग्ध लोगों की मौजूदगी का खुलासा हुआ था। दरअसल, शनिवार को प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने दरगाह कमेटी के सहयोग से परिसर में चेकिंग अभियान चलाया था। इस दौरान कई ऐसे लोग सामने आए जो कई सालों से यहां ठिकाना बनाए हुए थे। दरगाह कमेटी को भी इन लोगों की पहचान और उनके यहां ठहरने के इरादे की जानकारी नहीं थी। संदिग्धों ने खुद को ‘रूहानी इलाज’ के लिए ठहरा हुआ बताया। दरगाह कमेटी के जिम्मेदार भी ऐसे लोगों को देखकर हैरान थे। अभियान के दौरान कई लोग अपने बनाए घरों में ताले लगाकर चले गए। इसके बाद दरगाह कमेटी ने भी इन लोगों पर कब्जाई गई जगह खाली करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। अब प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि दरगाह परिसर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति, जिसमें चादर की दुकान सजाने वाले भी शामिल हैं, उन्हें सदर कोतवाली में खुद समेत अपनी तीन पीढ़ियों का हिसाब देना होगा। जो लोग यह ब्योरा नहीं देंगे, उन्हें परिसर से बाहर कर दिया जाएगा। एसपी सिटी विजयेंद्र द्विवेदी ने बताया कि दरगाह कमेटी उन सभी लोगों को हटा रही है जो यहां इलाज के नाम पर रह रहे हैं। उनसे तीन पीढ़ियों का ब्योरा भी मांगा गया है और संदिग्धों की पहचान की जा रही है।
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