देवरिया। धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर से शनिवार को उनकी पार्टी आजाद अधिकार सेवा के पदाधिकारियों ने जिला कारागार देवरिया में मुलाकात की। मुलाकात के बाद पदाधिकारियों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पूर्व आईपीएस के खिलाफ की गई कार्रवाई बदले की भावना से प्रेरित है। शनिवार को आजाद अधिकार सेवा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री देवेंद्र सिंह राणा, मेरठ मंडल अध्यक्ष अब्दुल अजीज और देवीपाटन मंडल (गोंडा) के अध्यक्ष मंगल गिरी जिला कारागार पहुंचे। उन्होंने अमिताभ ठाकुर से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। पदाधिकारियों ने दावा किया कि जेल में उनकी स्थिति चिंताजनक है और उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। राष्ट्रीय संगठन मंत्री देवेंद्र सिंह राणा ने इस कार्रवाई को कानून की स्थापित प्रक्रियाओं का घोर उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र, मानवाधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। राणा के अनुसार, अमिताभ ठाकुर लंबे समय से भ्रष्टाचार, सत्ता के दुरुपयोग और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं, जिसके कारण उन्हें योजनाबद्ध तरीके से फंसाया जा रहा है। पदाधिकारियों ने बताया कि जिस मामले में अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया है, वह लगभग 26 वर्ष पुराना है। उस समय अमिताभ ठाकुर देवरिया के पुलिस अधीक्षक थे। आरोप उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर के नाम पर हुए एक औद्योगिक प्लॉट आवंटन से संबंधित है। इसमें नाम और पते को लेकर मामूली अंतर था, जिसे अब फर्जीवाड़े का रूप दिया जा रहा है, जबकि पदाधिकारियों के अनुसार यह केवल एक लिपिकीय त्रुटि थी। पदाधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि संबंधित औद्योगिक प्लॉट पहले ही विभाग को सरेंडर किया जा चुका है। उनका दावा है कि न तो कोई बेनामी सौदा हुआ और न ही किसी प्रकार का आर्थिक लाभ लिया गया। इतनी पुरानी घटना पर गिरफ्तारी को दुर्भावनापूर्ण बताया गया। आजाद अधिकार सेवा ने पूरे मामले की न्यायालय की निगरानी में निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि न्याय नहीं मिला, तो इसे जनआंदोलन का रूप दिया जाएगा।
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