‘मैं सीटू से प्यार करती हूं, अभी भी उसका इंतजार कर रही हूं, अगर वो आ जाएगा तो उसे मैं अपना लूंगी। लेकिन अगर मुझे धोखा दिया तो उसे कहीं का नहीं छोड़ूंगी। हम दोनों का दो साल पुराना प्यार है। तीन महीने पहले ही उसने मुझसे शादी का वादा किया था, फिर 4 दिसंबर को मुझे घर से भगाकर अपने साथ दिल्ली ले गया। मेरी तो बदनामी हो गई। अगर सीटू ने मुझसे शादी नहीं तो उसे बर्बाद कर दूंगी।’ भागलपुर के कहलगांव अनुमंडलीय अस्पताल में एडमिट 19 साल की रश्मि खातून ने ये बातें दैनिक भास्कर से बातचीत में कही। दरअसल, रश्मि को शुक्रवार को जीआरपी की ओर से अनुमंडलीय अस्पताल में एडमिट कराया गया था। अस्पताल लाए जाने से पहले रश्मि बेहोश थी, उसे उसके प्रेमी ने ही चलती ट्रेन से धक्का दे दिया था। रश्मि खातून और सीटू की प्रेम कहानी क्या है, दोनों की मुलाकात कब और कैसे हुई थी, 4 दिसंबर को प्रेमी सीटू के साथ भागने के बाद रश्मि के साथ क्या हुआ, आखिर रश्मि को उसके प्रेमी ने ट्रेन से धक्का क्यों दिया, इन सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर रिपोर्ट अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे और रश्मि के साथ-साथ उसकी मां फूलनी खातून से बातचीत की। पढ़ें पूरी रिपोर्ट… रश्मि खातून और मोहम्मद सीटू की दो तस्वीरें देखिए सबसे पहले जानिए, रश्मि खातून और मोहम्मद सीटू की लव स्टोरी 19 साल की रश्मि ने बताया कि मैं भागलपुर के कहलगांव के एकचारी की रहने वाली हूं। सीटू का घर मेरे चार घर के बाद ही है। हम दोनों एक मोहल्ले के हैं, इसलिए एक दूसरे को देखते थे, जानते थे, लेकिन बातचीत नहीं होती थी। 2 साल पहले हम दोनों के पड़ोस में एक शादी थी। शादी में हम दोनों अपने-अपने परिवार के साथ पहुंचे थे। यहां पहली बार खाान-खाने के दौरान हम दोनों की बातचीत हुई थी। फिर अक्सर बाहर जब भी हम दोनों का आमना-सामना होता था, एक दूसरे से बातचीत कर लेते थे। इसी बीच, सीटू ने एक दिन मुझसे मेरा नंबर मांगा, मेरे पास मोबाइल नहीं था, तो मैंने नंबर देने से इनकार कर दिया। फिर सीटू ने कहा कि कोई बात नहीं मैं तुम्हें मोबाइल खरीदकर दूंगा, तुम मुझसे बात कर लेना। सीटू ने ही मुझे मोबाइल दिया, फिर हम दोनों की फोन पर बातचीत होने लगी। करीब डेढ़ साल तक हम लोगों फोन पर सिर्फ बात करते रहे। डेढ़ साल की बातचीत के बाद सीटू ने मुझे प्रपोज किया। हम दोनों पहले से एक-दूसरे को जानते ही थे, परिवार और सदस्यों के स्वभाव के बारे में भी पता था, तो मैंने सीटू के प्यार को एक्सेप्ट कर लिया। 3 महीने पहले ही भागकर शादी की प्लानिंग की थी रश्मि ने बताया कि प्यार के इजहार के बाद हम लोग तीन महीने तक फोन पर हमारा बातचीत जारी रहा। हम दोनों ने शादी को लेकर बातचीत की। फिर कहा कि हम दोनों एक दूसरे के परिवार को इस बारे में बताते हैं, देखते हैं कि उनका क्या रिएक्शन क्या होता है। रश्मि ने कहा कि मैंने सीटू से कहा कि आप पहले अपने घर में बात कीजिए, फिर मैं अपने घर में बात करती हूं। लड़की के मुताबिक, जब सीटू ने अपने घर में बात की तो पता नहीं क्या बात हुई, सीटू ने मुझसे कहा कि एक बार तुम भी अपने घर पर बात करो। मैंने बिना कुछ सोचे समझे, अपनी मां से सीटू से शादी कराने की बात कही। मां ने मेरी बातों को समझा और घर के अन्य सदस्यों से बात की। लेकिन घर के लोगों ने कहा कि सीटू मजदूरी करता है, दिल्ली में रहता था, 22 हजार रुपए सैलरी थी, काम भी छोड़ दिया है, भला तुम्हें कैसे खुश रखेगा? मां के अलावा, घर के अन्य सदस्यों ने सीटू से मेरी शादी को इनकार कर दिया। अस्पताल में एडमिट रश्मि ने बताया कि जब ये बात मैंने सीटू को बताई तो उसने मेरे सामने भागकर शादी का प्रस्ताव रखा। मैंने पहले सोचा कि इससे बदनामी होगी, फिर सोचा कि पहले शादी कर लेते हैं, फिर घर आकर परिवारवालों को मना लेंगे। इसीलिए सीटू के कहने पर 4 दिसंबर को ट्रेन से मैं सीटू के साथ दिल्ली चली गई। ‘दिल्ली जाते वक्त ट्रेन में भी सीटू ने शादी का वादा किया’ रश्मि ने बताया कि भागलपुर से दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़ने के बाद मैं खुश थी कि जिससे प्यार किया, उसी से शादी करूंगी। दिल्ली पहुंचने तक सीटू ने मेरा काफी ख्याल रखा, बार-बार बता रहा था कि हम दिल्ली पहुंचते ही शादी कर लेंगे। सीटू ने मुझे बताया कि पहले जिस कंपनी में काम करता था, वहां बात हुई है, दोबारा काम मिल जाएगा, वे लोग रहने को कमरा भी देंगे, हम दोनों उसी कमरे में साथ रहेंगे। लड़की ने बताया कि जब हम 5 दिसंबर की शाम दिल्ली पहुंचे। ट्रेन से उतरने के बाद सीटू ने मुझसे कहा कि तुम इंतजार करो, मैं तुरंत आता हूं। फिर उसने मेरा हाथ छोड़ा और भीड़ में गायब हो गया। काफी देर तक मैं प्लेटफॉर्म पर ही इंतजार करता रही, लेकिन देर रात तक सीटू मुझे लेने नहीं आया। ‘कांस्टेबल ने मुझे रोता देखा, पूछा तो सारी कहानी बताई’ रश्मि ने बताया कि मैं स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर बैठकर रोने लगी। इसी दौरान जीआरपी का एक कांस्टेबल मेरे पास आया और पूछा कि अकेली क्यों बैठी हो, क्यों रो रही हो। मैंने कांस्टेबल को पूरी कहानी बताई। फिर अपनी मां और नाना का नंबर भी जीआरपी कांस्टेबल को दिया। नंबर लेने के बाद जीआरपी ने घटना की जानकारी सबसे पहले मेरे नाना मोहम्मद राजू को दी। नाना ने दिल्ली में ही मजदूरी करने वाले मेरे मौसा को स्टेशन पर भेजा। इस दौरान मेरी मां भी 6 दिसंबर को दिल्ली के लिए रवाना हो गई। मैं अपने मौसा के साथ उनके घर चली आई। जब मां आई तो मैं उनके साथ दोबारा जीआरपी पहुंची। यहां जीआरपी ने एड्रेस वगैरह लिया और मुझे मेरी मां के साथ भेजने की तैयारी की। इसी दौरान 8 दिसंबर को अचानक सीटू भी जीआरपी पहुंच गया। सीटू के जीआरपी पहुंचने के बाद मैंने उससे काफी पूछा लेकिन उसने मुझे कुछ नहीं बताया कि मुझे छोड़कर कहां चला गया था, बस इतना कह रहा था कि मुझे माफ कर दो, मैं तुम्हें कभी छोड़कर नहीं जाऊंगा। जीआरपी पुलिस ने लड़के से बॉन्ड भरवाया, हम दोनों के बीच मां की मौजूदगी में समझौता कराया और समझा-बुझाकर सीटू और मेरी मां के साथ मुझे भागलपुर जाने को कहा। जीआरपी के सामने सीटू ने कोर्ट मैरिज करने का वादा किया रश्मि ने बताया कि मैं अपनी मां और सीटू के साथ 11 की शाम को दिल्ली से भागलपुर के लिए ट्रेन में बैठ गई। इससे पहले मेरे प्रेमी सीटू ने जीआरपी के सामने वादा किया कि भागलपुर पहुंचने के बाद सबसे पहले तुम्हारे साथ कोर्ट मैरिज करूंगा। हम तीनों ट्रेन से भागलपुर आने के लिए ट्रेन में बैठे थे। रास्ते भर बातचीत करते आए। 12 दिसंबर को सबौर रेलवे स्टेशन के पास मोबाइल को लेकर हम दोनों के बीच विवाद हुआ। इसी दौरान, सीटू ने मुझे चलती ट्रेन से धक्का दे दिया और खुद भी कूद गया। जब मैं गिरी तो बेहोश हो गई थी, आंख खुली तो अस्पताल में थी। मुझे पता चला कि सीटू मुझे धक्का देकर फरार हो गया है। मैं लगातार उसे कॉल कर रही हूं, लेकिन उसका कॉल नहीं लग रहा है। फिलहाल, सीटू कहां है, मुझे इसकी जानकारी नहीं, घर जाऊंगी तब पता चलेगा। वहीं, रश्मि की मां फूलनी खातून ने बताया कि मेरी बेटी ठीक हो जाएगी और घर चली जाएगी तो मैं पुलिस से सीटू के खिलाफ कार्रवाई की मांग करूंगी। वहीं, जब जीआरपी थाना अध्यक्ष उमेश कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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