झांसी नगर निगम में उप सभापति पद का चुनाव छह महीने इंतजार के बाद निर्विरोध हो गया। यह बात पहले से तय थी कि उप सभापति भाजपा से ही होगा क्योंकि, बहुमत भारतीय जनता पार्टी के पास ही है। बावजूद इसके पार्टी ने जल्दबाजी नहीं की और उप सभापति पद के सहारे झांसी सदर विधानसभा में आशीष तिवारी को डिप्टी स्पीकर बनाकर ब्राह्मण कार्ड खेल दिया। दो तस्वीरों में देखें चुनावी प्रक्रिया… बता दें कि झांसी नगर निगम के 60 वार्डों में सबसे बड़ी संख्या ब्राह्मण वोटर्स की है, जो किसी भी प्रत्याशी की जीत तय कर सकते हैं। यही वजह है कि झांसी विधानसभा भाजपा का अभेद किला बन गई है। हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद ब्राह्मण मतदाताओं ने भाजपा के प्रति नाराजगी जताई और मतदान करने में बहुत ज़्यादा रुचि भी नहीं ली। हालांकि इसके बाद भी भाजपा ने ये सीट जीत ली। इसका बड़ा कारण रहे मौजूदा सदर विधायक रवि शर्मा, जिन्हें ब्राह्मण वर्ग का एकमुश्त वोट मिला। इसी बात को पार्टी के बड़े नेताओं ने समझा और अन्य दावेदारों पर आशीष तिवारी को तरजीह देते हुए ब्राह्मण कार्ड खेला। झांसी की राजनीति को करीब से देखने वाले अर्जुन सिंह कहते हैं कि भाजपा ने आशीष तिवारी के नाम को लेकर पहले ही मंथन कर लिया था। इसके पीछे मकसद भी अपने कोर वोटर्स को पंचायत और आगामी विधानसभा चुनाव 2027 के लिए संदेश देना रहा। अब आंकड़ों में देखें झांसी में जातीय वोटर्स 2022 के विधानसभा चुनाव में झांसी विधानसभा में कुल 4 लाख 2 हजार 757 वोटर्स रजिस्टर थे। इनमें 2, 48,596 पुरुष और 1, 54,161 महिला वोटर्स थीं। जातिगत संख्या देखें। तो… ब्राह्मण – 80,000 दलित – 70,000 मुस्लिम – 60,000 कुशवाहा -60,000 साहू – 50,000 वैश्य – 30,000 अन्य – 30,000 यादव – 20,000 ये भी कर रहे थे दावेदारी भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में उप सभापति के उम्मीदवार के रूप में भाजपा के 10 पार्षद मुकेश सोनी उर्फ बंटी, दिनेश सिंह, लखन कुशवाहा, मोनिका गुप्ता, प्रवीण लखेरा, आशीष तिवारी, बाल स्वरूप साहू, रश्मि अनिल अहिवार, भरत सेन और महेश गौतम उप सभापति बनने की रेस में थे। लेकिन, अंत में पार्टी ने आशीष तिवारी के नाम पर मोहर लगा दी।
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