कटिहार में इलाज के नाम पर लापरवाही और कथित ठगी का एक गंभीर मामला कटिहार जिले से सामने आया है। गालब्लेडर ऑपरेशन के बाद लगातार बिगड़ती हालत और तीन बार ऑपरेशन के बावजूद 38 वर्षीय प्रकाश चौधरी की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि निजी क्लिनिक में गलत इलाज और लापरवाही के कारण उनकी जान चली गई। इस इलाज में परिवार ने करीब 5 से 6 लाख रुपये खर्च किए, यहां तक कि जमीन तक बेचनी पड़ी, लेकिन अंत में हाथ सिर्फ दर्द और पीड़ा ही लगी। गालब्लेडर ऑपरेशन से शुरू हुई परेशानी मृतक प्रकाश चौधरी आजमनगर प्रखंड के बेरिया गांव के रहने वाले थे। उनकी पत्नी निर्मला देवी ने बताया कि उनका मायका कटिहार शहर के हवाई अड्डा इलाके में है। इसी कारण अप्रैल महीने में उन्होंने अपने पति का गालब्लेडर ऑपरेशन नगर निगम क्षेत्र के शरीफगंज स्थित विश्वास हेल्थ क्लिनिक में कराया। ऑपरेशन डॉक्टर मोहम्मद आरिफ ने किया था।परिजनों के अनुसार, ऑपरेशन के बाद से ही प्रकाश चौधरी की तबीयत लगातार बिगड़ने लगी। उन्हें पीलिया (जॉन्डिस) की शिकायत बढ़ती चली गई, लेकिन इसके बावजूद क्लिनिक स्तर पर कोई प्रभावी इलाज नहीं किया गया। शिकायत के बाद मेडिकल कॉलेज रेफर परिजनों का कहना है कि जब उन्होंने मरीज की बिगड़ती हालत को लेकर डॉक्टर आरिफ से बार-बार शिकायत की, तब जाकर उन्हें कटिहार मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। मेडिकल कॉलेज में जांच के बाद सामने आया कि पहले ऑपरेशन के दौरान पेट के अंदर एक नस दब गई थी, जिसके कारण स्थिति गंभीर होती चली गई।परिजनों का आरोप है कि यदि समय रहते सही इलाज होता, तो शायद प्रकाश चौधरी की जान बचाई जा सकती थी। दो और ऑपरेशन, फिर भी नहीं बची जान स्थिति को सुधारने के लिए 19 नवंबर को कटिहार मेडिकल कॉलेज में दूसरा ऑपरेशन किया गया। इसके बावजूद मरीज की हालत में कोई खास सुधार नहीं हुआ। निर्मला देवी का आरोप है कि उनकी मिन्नतों और आशंकाओं के बावजूद 9 दिसंबर को तीसरा ऑपरेशन भी कर दिया गया। लगातार ऑपरेशन और कमजोर होती हालत के बीच आखिरकार शनिवार को इलाज के दौरान प्रकाश चौधरी की मौत हो गई। इस घटना के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। 6 लाख खर्च, जमीन बेचनी पड़ी मृतक की पत्नी ने बताया कि अप्रैल से दिसंबर तक इलाज के नाम पर करीब 5 से 6 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। पति के इलाज के लिए उन्होंने अपनी जमीन तक बेच दी। इसके बावजूद गलत इलाज और लापरवाही के कारण परिवार ने अपने एकमात्र सहारे को खो दिया। प्रकाश चौधरी परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनके पीछे तीन नाबालिग बच्चे-एक बेटी और दो बेटे रह गए हैं, जिनके भविष्य को लेकर परिवार गहरे संकट में है। शव लेकर क्लिनिक पहुंचे गुस्साए परिजन मौत के बाद शनिवार शाम गुस्साए परिजन प्रकाश चौधरी का शव लेकर विश्वास हेल्थ क्लिनिक पहुंचे और डॉक्टर मोहम्मद आरिफ से जवाब मांगने लगे। क्लिनिक परिसर में कुछ देर के लिए तनावपूर्ण माहौल बन गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर की लापरवाही और गलत इलाज ने उनके परिवार को तबाह कर दिया। प्रशासन से न्याय की गुहार परिजनों ने जिला प्रशासन से दोषी डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इस तरह के मामलों में सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो निजी क्लीनिकों की मनमानी से आम लोगों की जान जाती रहेगी।खबर लिखे जाने तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई या आधिकारिक बयान सामने नहीं आया था। यह मामला एक बार फिर निजी क्लीनिकों में इलाज की गुणवत्ता, निगरानी व्यवस्था और मरीजों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
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