इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने पंचायत चुनाव में मतदाताओं को नोटा (NOTA) का विकल्प दिए जाने की मांग पर राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। न्यायालय ने दोनों पक्षों को चार सप्ताह के भीतर अपना जवाबी शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति इंद्रजीत शुक्ला की खंडपीठ ने सुनील कुमार मौर्या द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याचिका में मांग की गई है कि पंचायत चुनाव में भी मतदाताओं को नोटा का विकल्प चुनने की सुविधा मिले और हर चुनाव चिन्ह के सामने उम्मीदवार का नाम अनिवार्य रूप से लिखा जाए। याची सुनील कुमार मौर्या ने न्यायालय को बताया कि शहरी चुनावों में तो मतदाताओं को नोटा का विकल्प मिलता है, लेकिन पंचायत चुनावों में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा, पंचायत चुनावों में चुनाव चिन्ह के सामने उम्मीदवार का नाम भी नहीं दिया जाता है, जिससे मतदाताओं को परेशानी होती है। मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने सरकार और राज्य चुनाव आयोग को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इसके बाद याची को दो सप्ताह के भीतर अपना प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
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