आगरा के थाना ट्रांस यमुना क्षेत्र में शनिवार को गीतांजलि हॉस्पिटल के सामने सड़क किनारे एक नवजात बच्ची पड़ी मिली। बच्ची की रोने की आवाज सुनकर लोगों की भीड़ लग गई। उसके आसपास कुत्ते घूम रहे थे। पुलिस भी मौके पर पहुंची। थोड़ी देर में बच्ची की बुआ मौके पर पहुंची। पूछताछ के बाद बच्ची को उनके हवाले कर दिया गया। सीसीटीवी में एक नकाबपोश महिला बच्ची को छोड़कर जाते दिखी है। परिजन उसे बच्ची की मां बता रहे हैं। इंद्रा ज्योति नगर शाहदरा निवासी सोना पत्नी देवेंद्र ने बताया कि उसके भाई कपिल ने पहले से शादीशुदा ज्याति से शादी की। ज्योति का एक पांच साल का बेटा भी है। करीब एक माह पूर्व उसने एक बच्ची को जन्म दिया था। पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी चल रही थी। आरोप है कि शनिवार सुबह करीब 10 बजे चेहरा ढककर नवजात को गीतांजलि हॉस्पिटल के पास सड़क किनारे छोड़ दिया और चली गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नवजात को आवारा कुत्तों ने घेर लिया था। कुत्तों के बीच तड़पती मासूम को देखकर लोगों ने शोर मचाया। बबीता, गुड़िया और चाय विक्रेता रमेश चंद ने बच्ची को बचाया। तब तक मासूम के शरीर पर मामूली हल्के जख्मों के निशान उभर चुके थे। दर्द से कराहती बच्ची को छोड़कर उसकी मां मौके से फरार हो चुकी थी। घटना की सूचना मिलते ही बच्ची की बुआ सोना मौके पर पहुंची। कांपते हाथों और नम आंखों के साथ उसने जख्मी हालत में मासूम को अपनी गोद में उठाया। सूचना मिलने पर थाना ट्रांस यमुना पुलिस मौके पर पहुंची। थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि शाहदरा चौकी इंचार्ज जितेंद्र सिंह और अरविंद कुमार ने घटनास्थल पर पहुंचकर आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली है। प्रारंभिक जांच में एक नकाबपोश महिला द्वारा जानबूझकर बच्ची को सड़क पर छोड़ने की पुष्टि हुई है। फिलहाल एक माह की मासूम को उसकी बुआ के सुपुर्द कर दिया गया है। आरोपी महिला की तलाश कर रही है। बच्ची की बुआ सोना और फूफा देवेंद्र ठाकुर ने साफ कहा कि अब वे मासूम को किसी भी हाल में किसी को नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि जिस मां ने नवजात को सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया, उसके खिलाफ वे कानूनी कार्रवाई कराएंगे। बुआ-फूफा का कहना है कि अगर बच्ची के साथ कोई अनहोनी हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता।
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