स्ट्रेस से बढ़ रहे हाइपरटेंशन के मरीज:आगरा में चल रही नेशनल कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन डॉक्टर्स ने जताई चिंता

आगरा में चल रही नेशनल कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन डॉक्टर्स ने कहा कि स्ट्रेस से हाइपरटेंशन के मरीज बढ़ रहे हैं। ज्यादा नमक खाने से ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। लोग इतने बिजी रहते हैं कि उनकी लाइफ स्टाइल बदल गई है। जो तमाम बीमारियों का कारण बन रहा है।
आरएसएसएचआई द्वारा आयोजित कांफ्रेंस में मुंबई, दिल्ली, ग्वालियर व अन्य शहरों से आए विशेषज्ञों ने ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने के लिए आधुनिक उपचार, दवाई और तकनीक से अवगत कराया। डॉक्टर्स ने विशेष सत्रों में हाइपरटेंशन ब्लड प्रेशर के आधुनिक उपचार, दवाई और तकनीकियों पर चर्चा की। मुंबई से आए डॉ. आनंद राम ने क्रोनोथेरेपी इन हाईपरटेंशन विषय पर और एसएन मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन प्रोफेसर डॉक्टर प्रभात अग्रवाल ने हाइपरटेंशन इन डायबिटिक्स विषय पर विचार रखे। बताया कि ब्लड प्रेशर असंतुलित होने के कारण ब्रेन स्ट्रोक, किडनी, गुर्दा, रेटिना और फेफड़े संबंधित रोग और परेशानियां निरंतर मरीजों में बढ़ रही हैं।
रिसर्च सोसायटी फॉर द स्टडी आफ हाइपरटेंशन इन इंडिया के चेयरमैन डॉ. सीआर रावत और सचिव डॉक्टर रजत रावत के अनुसार कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया। जिसमें ईसीजी हाईपरटेंशन विषय पर डॉ. वरून शर्मा, प्री ओपरेटिव ट्रीटमेंट ऑफ एचटी इन पीटी अंडरगोइंग नॉनकार्डियक सर्जरी पर डॉ. सुशांत धवन, हाईपरटेंशन रेटिनोग्राफी पर डॉ. रिधिमा रावत ने विचार रखे। दूसरे सेशन में डियेरैटिक्स फॉर द मोर्डन मैंनेजमेंट आफ एचटीएन : बियोंड एचसीटीजेड विषय पर डॉ. केके विश्वानी, रोल ऑफ सीसीबी इन मोर्डन मैनेजमेंट ऑफ एचटीएन ? बियोड क्लीनिपाइन विषय पर डॉ. अश्वनी खन्ना, डिफेंस ऑफ बीटा ब्लॉकरर्स ए क्रिटिकल रोल इन प्राईमरी हाईपरटेंशन मैनेजमेंट विषय पर डॉ. प्रकाश पुरसानी ने अपने विचार रखे।
तीसरे सेशन में इनहिबिटशन ऑफ एनजीओटेंशन इन द ट्रटीमेंट ऑफ हाईपरटेंशन पर डॉ. मुदित खुराना, इनहिबिशन कॉम्बाइन द रैपी फॉर हाईपरटेंशन : बैक्ग्राउडं एंड रेटेशनल विषय पर डॉ. रजनीश सिंह, चौथे सेशन में रैसिसटेंशन हाईपरटेंशन : की कंसेप्ट विषय पर डॉ. चंदन सिंह, मैनेजमेंट ऑफ हाइपरटेंशन इन सीवीए : बेसिस फंडामेंटल एंड ड्रग चौइस पर डॉ. सर्वेश अग्रवाल ने अपने विचार रखे। इस दौरान डॉ. सुनील बंसल, डॉ. शरद पालीवाल, डॉ. राहुल निझारा, डॉ करन रावत, डॉ. विनीत गर्ग, डॉ.प्रवेग गोयल, डॉ. अनुश्री रावत, डॉ.राहुल वर्मा, डॉ. राहुल गर्ग, डॉ अभिनव पंडित, डॉ. दीपक बंसल मौजूद रहे।
अन्य सत्रों में विशेषज्ञों ने रखे विचार कॉन्फ्रेंस के पाचंवे सेशन में हाइपरटेंशन क्राइसस क्लीनिकल डागनॉसिस एंड मैनेजमेंट पर डॉ. पायल सक्सैना, टार्गेट आर्गन डैमेज इन हाईपरटेंसिव पर डॉ. मृदुल चतेर्वेदी एवं द हाईपरटेंसिव चाइल्ड पर डॉ. समरिद्धी गुप्ता ने विचार रखे। छठवें सेशन में एडरनेल डिस्आर्ड्रर ऑफ हाइपरटेंशन पर डॉ. उमेश गर्ग, फीक्रोमोटिकका : मिथ्स एंड मैनेजमेंट पर डॉ. शुभम जैन एवं स्ट्रैस एंड हाईपरटेंशन विषय पर डॉ. दृष्टि ने अपने विचार रखे। सातवें सेशन में हैडएक एंड हाइपरटेंशन पर डॉ. रॉबिन अग्रवाल, हाइपरटेंशन इन डाइबिटिकक्स पर डॉ. प्रभात अग्रवाल, मैनेजमेंट ऑफ हाइपरटेंशन इन सीकेडी पर डॉ. वर्तुल गुप्ता, हाइपरटेंशन मैनेजमेट डयूरिंग डाइलसिस पर डॉ. रजत मगंल एवं ऑबस्ट्रेक्टिव स्लीप एपीएनईए एंड हाइपरटेंशन पर डॉ. सौरभ सोनी और नौवें एवं दसवे सेशन में डॉ. कैरवि भारद्वाज, डॉ. सुभाष चन्द्रा, डॉ. रजत भारद्वाज, डॉ अमोल सिरोमनी, डॉ. अलका सेन एवं डॉ. शिवानी चतुर्वेदी ने अलग अलग विषयों पर अपने विचारों को साझा किया।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर