फर्रुखाबाद। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिले में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान शुरू हो गया है। बिहार मॉडल पर चलाए जा रहे इस अभियान के तहत वर्ष 2003 के बाद बने मतदाताओं को अब अपनी जन्म तिथि और जन्म स्थान का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य किया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि बिहार में यह अभियान सफल रहा था, इसलिए जिले में भी इसे लागू किया गया है। यह अभियान 28 अक्टूबर से शुरू हुआ है। एडीएम अरुण कुमार सिंह ने बताया कि पुनरीक्षण से संबंधित प्रशिक्षण और गणना प्रपत्रों का मुद्रण 3 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक बीएलओ घर-घर जाकर गणना प्रपत्र उपलब्ध कराएंगे। 1531 बूथों पर बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई है द्विवेदी ने बताया कि जिले के 1531 बूथों पर बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई है। प्रत्येक बूथ पर 1200 मतदाताओं के मानक के अनुसार बूथों का पुनर्विन्यास किया जाएगा, जिससे बूथों की संख्या बढ़ सकती है। इसके अलावा 155 सुपरवाइजर भी नियुक्त किए गए हैं। अभियान के तहत 9 दिसंबर को निर्वाचक नामावली का आलेख्य प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद 8 जनवरी तक दावे और आपत्तियां स्वीकार की जाएंगी। 9 दिसंबर से 31 जनवरी के बीच निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नोटिस, सुनवाई और सत्यापन के आधार पर इनका निस्तारण करेंगे। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 7 फरवरी को होगा। एडीएम ने बताया कि बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म भरवाएंगे। यदि किसी मतदाता का जन्म भारत में 1 जुलाई 1987 से पहले हुआ है और उसका नाम पहले से मतदाता सूची में दर्ज है, तो वह एनुमरेशन फॉर्म भरकर 2003 की मतदाता सूची को साक्ष्य के रूप में अपलोड कर सकता है। एडीएम ने बताया क्या जमा करना होगा यदि मतदाता का नाम 2003 की सूची में दर्ज नहीं है, तो उसे अपनी जन्म तिथि या जन्म स्थान का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। वहीं जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच हुआ है, उन्हें दोनों प्रमाण पत्र (जन्म तिथि और जन्म स्थान) देना अनिवार्य होगा। दो दिसंबर 2004 के बाद जन्मे मतदाताओं को अपनी जन्म तिथि या जन्म स्थान के प्रमाण के रूप में 12 में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। इसके साथ ही उन्हें अपने पिता या माता की जन्म तिथि और जन्म स्थान का प्रमाण पत्र भी देना होगा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि मतदाता बनने के लिए यह प्रमाण आवश्यक है कि व्यक्ति का जन्म भारत में किसी भी प्रांत या जनपद में हुआ हो, ताकि भारत में जन्मे व्यक्ति को ही नागरिकता का अधिकार सुनिश्चित किया जा सके। जन्म स्थान इन दस्तावेजों से होगा प्रमाणित एडीएम ने बताया कि मतदाता एसआईआर अभियान के तहत जन्म तिथि और जन्म स्थान प्रमाणित करने के लिए निम्न में से किसी एक दस्तावेज का उपयोग कर सकते हैं—
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